कोरोना को लेकर बोले मुकेश अंबानी: अहम मोड़ पर भारत, नहीं बरत सकते ढिलाई
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | गांधीनगर: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) मुकेश अंबानी ने शनिवार को कहा कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर पहुंचकर अब ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किये गये साहसिक सुधारों से आने वाले वर्षों में तेजी से आर्थिक पुनरुद्धार होगा और बहुत तेज विकास होगी।
देश के कई हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन
अंबानी की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब देश के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। इसके कारण प्रशासन को पाबंदियां लगाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। उदाहरण के लिये, अहमदाबाद में प्रशासन ने रात का कर्फ्यू लागू किया है जबकि दिल्ली जैसे शहरों में आवागमन पर कुछ पाबदियां लगायी गयी हैं। अंबानी ने पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में कहा, 'भारत ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश किया है। हम इस मोड़ पर ढिलाई नहीं बरत सकते।' अंबानी इस संस्थान के अध्यक्ष भी हैं।
प्रतिकूल समय में हम मजबूत बनकर उभरे हैं
उन्होंने कहा कि भारत की एक प्राचीन भूमि है और इसने इतिहास में भी कई प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना किया है। भारत हर बार पहले से अधिक मजबूत होकर उभरा है, क्योंकि लचीलापन लोगों और संस्कृति में गहराई से निहित है। अंबानी ने समारोह को आभासी माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें कोविड-19 के बाद के काल में शानदार वृद्धि दिखाई दे रही है। उन्होंने स्नातक हो रहे विद्यार्थियों से कहा कि वे घबराहट छोड़ उम्मीद तथा भरोसे के साथ परिसर के बाहर की दुनिया में प्रवेश करें। अंबानी ने कहा कि आर्थिक वृद्धि अगले दो दशक में अप्रत्याशित अवसर सृजित करेगी और भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा।
पर्यावरण को बचाना भी बड़ी चुनौती है
देश के सबसे अमीर कारोबारी ने कहा, अभी दुनिया के समक्ष इस बात की चुनौती है कि क्या हम बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाये अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये ऊर्जा का उत्पादन कर सकते हैं। अभी दुनिया को जितनी ऊर्जा की जरूरत पड़ रही है, इस सदी के मध्य में दुनिया इससे दोगुनी ऊर्जा का इस्तेमाल करेगी। भारत की प्रति व्यक्ति ऊर्जा जरूरतें अगले दो दशक में दोगुनी हो जायेंगी। अंबानी ने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ ही स्वच्छ व हरित ऊर्जा की महाशक्ति बनने के दोहरे लक्ष्य को एकसाथ प्राप्त करने की जरूरत है।