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मुकेश अंबानी ने की यह भविष्यवाणी, देश में गरीबी की हालत पर कही यह बड़ी बात

Shiddhant Shriwas
24 July 2021 11:00 AM GMT
मुकेश अंबानी ने की यह भविष्यवाणी, देश में गरीबी की हालत पर कही यह बड़ी बात
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आर्थिक उदारीकरण के 30 साल पूरा होने पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक लेख लिखा है. अंबानी शायद ही ऐसा लेख लिखते रहे हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के सबसे अमीर व्यक्ति उद्योगपति मुकेश अंबानी का मानना है कि भारत में तीन दशक के आर्थिक सुधारों का नागरिकों को मिला लाभ आसमान पर रहा है. उन्होंने कहा कि समाज के सबसे निचले स्तर पर संपत्ति के सृजन के लिए विकास का 'भारतीय मॉडल' जरूरी है. हालांकि, इसके साथ अंबानी ने भरोसा जताया कि 2047 तक देश अमेरिका और चीन के बराबर पहुंच सकता है.

देश में आर्थिक उदारीकरण के 30 साल के पूरे होने के मौके पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने एक लेख में कहा है कि साहसी आर्थिक सुधारों की वजह से 1991 में जो हमारा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 266 अरब डॉलर था, आज यह दस गुना बढ़ चुका है. बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे बड़ी भारतीय कंपनी के प्रमुख अंबानी ने शायद ही कभी इस तरह के लेख लिखे हैं. अंबानी ने 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में प्रकाशित अपने लेख में कहा है, ''भारत 1991 में कमी वाली अर्थव्यवस्था था, जो 2021 में आधिक्य वाली अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया. अब भारत को खुद को 2051 तक टिकाऊ स्तर पर आधिक्य और सभी के लिए समान समृद्धि वाली अर्थव्यवस्था में बदलना है.''
1991 में इकोनॉमी के लिए विजन सेट किया गया
अंबानी ने लिखा है कि भारत ने 1991 में अर्थव्यवस्था की दिशा और निर्धारण दोनों को बदलने की दूरदृष्टि और साहस दिखाया. उन्होंने कहा, ''सरकार ने निजी क्षेत्र को भी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रभावशाली ऊंचाई पर रखा. इससे पिछले चार दशकों में यह स्थान सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र को हासिल था. इससे लाइसेंस-कोटा राज समाप्त हुआ, व्यापार और औद्योगिक नीतियां उदार हुईं तथा तथा पूंजी बाजार और वित्तीय क्षेत्र 'मुक्त' हो सका.''
पिछले तीन दशकों में महत्वपूर्ण सुधार हुए
अंबानी ने कहा कि इन सुधारों से भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सका. इस दौरान आबादी हालांकि 88 करोड़ से 138 करोड़ हो गई, लेकिन गरीबी की दर आधी रह गई. अंबानी ने कहा, ''महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा हमारी सोच से कहीं अधिक सुधरा है. अब हमारे एक्सप्रेसवे, हवाईअड्डे और बंदरगाह विश्वस्तरीय हैं. कुछ ऐसा ही हमारे उद्योगों और सेवाओं के साथ है.'' उन्होंने लिखा है, ''अब यह अकल्पनीय लगेगा कि लोगों को टेलीफोन या गैस कनेक्शनों के लिए इंतजार करना पड़ता था. या फिर कंपनियों को कंप्यूटर खरीदने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती थी. ''
चीन और अमेरिका के करीब होगा भारत
उन्होंने कहा कि 2047 में हम अपनी आजादी के सौ साल का जश्न मनाएंगे. इससे बड़ा सपना और क्या होगा कि उस समय तक हम भारत को दुनिया के तीन सबसे अमीर देशों में से एक बनाने में सक्षम होंगे. हम अमेरिका और चीन के समकक्ष होंगे. अंबानी ने कहा कि आगे का रास्ता आसान नहीं है लेकिन हमें महामारी जैसी अचानक आने वाली अस्थायी समस्याओं से घबराना नहीं है. न ही गैर-महत्वपूर्ण मुद्दों की वजह से अपना ध्यान भटकाना है.
अवसर के साथ-साथ जिम्मेदारी भी
अंबानी ने कहा कि हमारे पास अवसर है और साथ ही यह हमारी जिम्मेदारी भी है कि हम अपने बच्चों और युवाओं के लिए अगले 30 साल आजाद भारत के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ वर्षों में बदलें. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आत्मनिर्भर और शेष दुनिया के साथ सहयोग करने वाला भारत जरूरी है.


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