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100 साल पुरानी कंपनी है मुकेश अंबानी के पास, दूसरे के पास है निवेशकों का भरोसा टाटा और अडाणी को क्या यहां मात दे पाएंगे

Shiddhant Shriwas
26 Jun 2021 8:21 AM GMT
100 साल पुरानी कंपनी है मुकेश अंबानी के पास, दूसरे के पास है निवेशकों का भरोसा टाटा और अडाणी को क्या यहां मात दे पाएंगे
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टाटा पावर और अडाणी ग्रीन के मौजूदा हालात को देख लिया. एक तरफ 100 साल पुरानी कंपनी है तो दूसरी और 1.83 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनी. वहीं मुकेश अंबानी की बात करें तो उन्हें हमेशा कुछ बड़ा करने के लिए जाना जाता रहा हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी तेल और टेलिकॉम में तहलका मचाने के बाद एक नए बिजनेस में पैर पसारना चाहते है. इसकी घोषणा उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 44वें एजीएम में कर दी. जी हां हम बात कर रहे हैं उस सोलर सेक्टर की जहां पहले से टाटा और अडाणी जैसे बड़े ग्रुप का कब्जा है. तो क्या अब इस सेक्टर में भी रिलायंस की बादशाहत हो जाएगी. पूरे 75000 करोड़ रुपए के निवेश से क्या इन दो दिग्गजों को हरा पाएंगे मुकेश अंबानी.

दरअसल रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने एजीएम में घोषणा की है कंपनी इस सेक्टर में अगले तीन सालों में 75000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. लाजिमी है कि इतने भारी भरकम निवेश और बड़ी योजना से इस सेक्टर के पुराने खिलाड़ियों के लिए कंपिटिशन बढ़ेगा. साथ ही इस क्षेत्र के जरिए देश में नई नौकरियों के अवसर भी लोगों को मिलेंगे.
कितना बड़ा है टाटा का कारोबार
टाटा पावर और अडाणी ग्रीन इस फील्ड के दौ मौजूदा दिग्गज खिलाड़ी हैं. टाटा पावर फिलहाल 1705 मेगावॉट का सोलर पावर का उत्पादन करती है. टाटा पावर की सब्सिडियरी कंपनी टाटा पावर सोलर सिस्टम्स ने हाल में बेंगलुरु के अपने कारखाने के विस्तार का ऐलान किया है जिसके बाद यहां सेल और मॉड्यूल के पूरे उत्पादन की क्षमता 1,100 हो जाएगी. दरअसल टाटा पावर इस सेक्टर में 100 साल से भी ज्यादा पुरानी कंपनी है. वहीं इसकी रेवेन्यु की बात करें तो कोरोना के बाद भी कंपनी ने 32,907 करोड़ का मोटा रेवन्यु जेनरेट किया है. कंपनी भारत के अलावा सिंगापुर, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और भूटान में भी एक्टिव है.
क्या है अडाणी ग्रीन का हाल
अडाणी ग्रीन की बात करें तो यह केवल 6 साल पुरानी कंपनी है लेकिन काफी कम समय में गौतम अडाणी की इस कपंनी ने इस सेक्टर में कई बड़े काम किए हैं वो आने वाले सालों में कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है. अडानी ग्रीन की फिलहाल 3023 मेगावॉट सोलर यूनिट उत्पादन की क्षमता है और यह 8,150 मेगावॉट क्षमता कारखानों के निर्माण में लगी है. केवल 5 सालों में अडाणी ग्रीन का शेयर 1158 रुपए पर जा पहुंचा है. इसके शेयर ने केवल 9 महीनों में निवेशकों को 965 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. वहीं मार्च के महीने में कंपनी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ के पार जा चुका था. अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड देश की रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की बड़ी कंपनी है. अडाणी ग्रीन एनर्जी ने टोरंटो मुख्यालय वाली स्काईपावर ग्लोबल के साथ स्पेशल पर्पस व्हीकल के अधिग्रहण के लिए करार किया है. इसके पास तेंलगाना में 50 मेगावॉट की परिचालन वाली सौर परिसंपत्तियां हैं.
क्या टक्कर दे पाएंगे मुकेश अंबानी
अब आपने टाटा पावर और अडाणी ग्रीन के मौजूदा हालात को देख लिया. एक तरफ 100 साल पुरानी कंपनी है तो दूसरी और 2 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनी. वहीं मुकेश अंबानी की बात करें तो उन्हें हमेशा कुछ बड़ा करने के लिए जाना जाता रहा हैं ऐसे में अब टेलिकॉम, रिटेल के बाद इस सेक्टर में भी कंपिटिशन देखने लायक होगा क्योंकि अंबानी का इतिहास है कि वो जिस सेक्टर में जाते हैं उसपर पूरी तरह उनका कब्जा हो जाता है. जियो इसका उदारहण है.
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