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MP: रतलाम मंडी में किसान ने पहली बार सोयाबीन 16,151 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेची

Admin4
18 Sep 2021 1:23 PM GMT
MP: रतलाम मंडी में किसान ने पहली बार सोयाबीन 16,151 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बेची
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रतलाम की सैलाना कृषि उपज मंडी में नई सोयाबीन की पहली आवक हुई है. पहले ही दिन मंडी में सोयाबीन 16,151 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेची गई.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- मध्य प्रदेश के जिला रतलाम की मंडी में सोयाबीन की आवक शुरू हो गई है. पहले दिन तो किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई. एक क्विंटल सोयाबीन के बदले किसानों को जो कीमत मिली उसकी उम्मीद तो उन्हें भी कभी नहीं रही होगी.

रतलाम की सैलाना कृषि उपज मंडी में नई सोयाबीन की पहली आवक हुई है. पहले ही दिन मंडी में सोयाबीन 16,151 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बेची गई. पहली बार इतनी ऊंची बोली पर सोयाबीन बिका है. तीन क्विंटल सोयाबीन के लिए गांव नांदलेटा के किसान गोवर्धन को करीब 52,705 रुपए का भुगतान किया गया. सैलाना मंडी के सचिव किशोर कुमार नरगावे ने टीवी 9 डिजिटल को बताया कि मंडी में सोयाबीन की नई आवक होते ही किसानों ने पहले अनाज की पूजा अर्चना की जिसके बाद बिक्री शुरू की गई. कुल 75 क्विंटल सोयाबीन बाजार में आया था जो 7 हजार से 16 हजार रुपए प्रति क्विंटल की कीमत पर बेचा गया.
एमएसपी से कई गुना ज्यादा मिली कीमत
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) फसली सीजन 2021-22 के लिए केंद्र सरकार ने 3950 रुपए क्विंटल तय किया है. इस हिसाब देखें तो किसानों को पहले दिन मंडी में जो कीमत मिली, वह एमएसपी से काफी ज्यादा है.
किसान को मिली सोयाबीन की अच्छी कीमत.
16,151 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर सोयाबीन खरीदने वाले मातेश्वरी ट्रेडर्स (सैलाना) के संचालक सुरेश पाटीदार ने टीवी 9 डिजिटल से बातचीत में कहा कि मुहूर्त के दिन अनाज के दाम अमूमन ज्यादा हो जाते हैं. बीते साल भी सोयाबीन का दाम 3 हजार रुपए क्विंटल था, जो मुहूर्त वाले दिन 5 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिका था.
बाजार में डिमांड ज्यादा
इस साल दाम कुछ ज्यादा हैं. दाम ज्यादा होने की वजह यह है कि पुराना स्टॉक खत्म हो चुका है और सोयाबीन जब बाजार में आया है तो बाजार पूरी तरह से खाली है. ऐसे में सोयाबीन कम जरूर है लेकिन अच्छी क्वालिटी का सोयाबीन ऊंचे दामों पर बिक रहा है. सोयाबीन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तेल और खाद्य वस्तुओं में होता है. हाल ही में पशुओं के चारे और डीओसी में इसका भारी इस्तेमाल शुरु हुआ है. डीओसी की बढ़ती डिमांड के चलते सोयाबीन का रेट ऊंचा है. आने वाले दिनों में इसके दाम कम जरूर होंगे लेकिन बीते साल के मुकाबले किसानों को इस साल फायदा होने की उम्मीद है.


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