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न्यूज़क्रेडिट: आजतक
कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के प्रकोप का असर वैसे तो सभी क्षेत्रों और लोगों पर पड़ा, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश के कारोबारी (Business Mans) इसका सर्वाधिक शिकार हुए हैं. लॉकडाउन (Lockdown) के चलते कारोबार बंद होने के कारण वित्तीय संकट (Financial Crisis) का ऐसा पहाड़ उनपर टूटा कि वे आत्महत्या (Suicide) करने को मजबूर हो गए. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि आर्थिक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं. इनके अनुसार, कोरोना काल में किसानों से ज्यादा आत्महत्याएं उद्योगपतियों ने की हैं.
12,055 कारोबारियों ने किया सुसाइड
आर्थिक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कुल 12,055 कारोबारियों (Business Mans) ने किसी ना किसी कारण से Suicide कर दुनिया से विदा ले ली. यह आंकड़ा साल 2020 में 11,716 कारोबारियों था. 2020 कुल आत्महत्या से होने वाली मौतों के डाटा को देखें तो इसमें 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उद्यमियों पर किए गए एक सर्वे के आंकड़ों को भी इस रिपोर्ट में शमिल किया गया है.
10,881 किसानों ने की आत्महत्या
एनसीआरबी के मुताबिक, कॉरपोरेट सेक्टर में होने वाली मौतों की संख्या किसानों (Farmers Suicide) की तुलना कहीं ज्यादा थी. साल 2021 में देश में कुल 10,881 किसानों की आत्महत्या से मौत होने की सूचना दी गई. विश्लेषण में जो बड़ी बात समाने आई, उसके मुताबिक साल 2018 के आंकड़ों की तुलना में साल 2021 में स्वरोजगार करने वाले उद्यमियों की आत्महत्या के मामलों में 54 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.
साल-दर-साल आंकड़ा
वर्ष कारोबारी किसान
2015 8,780 12,602
2016 8,573 11,379
2017 7,778 10,655
2018 7,990 10,349
2019 9,052 10,281
2020 11,716 10,677
2021 12,055 10,881
कर्नाटक इस मामले में सबसे ऊपर
कारोबारियों के आत्महत्या करने के मामलों में देश का कर्नाटक (Karnataka) राज्य सबसे ऊपर रहा. कुल मामलों में से 14.3 फीसदी कारोबारी कर्नाटक से संबंधित थे. इसके बाद 13.2 फीसदी के साथ महाराष्ट्र (Maharashtra) दूसरे और 11.3 फीसदी के साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) तीसरे नंबर पर है. इसके बाद सबसे ज्यादा कारोबारियों ने आत्महत्या तमिलनाडु (Tamil Nadu) और तेलंगाना (Telangana) राज्यों में की. 9.4 फीसदी के साथ तमिलनाडु चौथे और 7.5 फीसदी के साथ तेलंगाना पांचवें स्थान पर है.
आत्महत्या की दर में इजाफा
बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल आत्महत्या दर (Suicide Rate) साल 2017 में 9.9 प्रति 1 लाख लोगों से बढ़कर साल 2021 में 12 प्रति 1 लाख लोग हो गई है. आत्महत्या से मरने वाले लोगों में दैनिक वेतन भोगियों का सबसे बड़ा वर्ग था. एनसीआरबी की ओर से बताया गया कि 2021 में 12,055 कारोबारियों की आत्महत्या के कुल आंकड़े में से 4,532 विक्रेताओं (Vendors), 3633 व्यापारियों (Tradesmen) और अन्य व्यवसायों में लगे 3,890 व्यक्तियों ने आत्महत्या की है.
सुसाइड के मामलों के पीछ कारण
NCRB डाटा में कारोबारियों की मौत के कारण का उल्लेख किया गया है. इसमें कहा गया है कि इनके पीछे का प्रमुख कारण दिवालिया होना और कर्ज का बोझ बढ़ना है. EY की एक रिपोर्ट की मानें तो 1,000 छोटे और लघु उद्यमियों (MSME) पर किए गए सर्वे में कोरोना के कारोबार पर पड़े प्रभावों की पूरी तस्वीर सामने आई है. इसमें शामिल करीब 70 फीसदी उत्तरदाताओं ने कोविड -19 महामारी के दौरान कम ऑर्डर, व्यापारिक घाटा, कच्चे माल की उपलब्धता में कमी जैसे तमाम मुद्दों के कारण भारी नुकसान की बात कही.
Admin4
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