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GDP से ज्यादा संपत्ति
हाल ही में खबर आई थी कि टैक्स हैवेन कहने जाने वाले स्विट्जरलैंड में जमा भारतीयों के संपत्ति में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. लेकिन यहां केवल भारतीय नागरिक ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कुबेरपति अपनी संपत्ति सुरक्षित जमा रखते हैं. स्विट्जरलैंड ही नहीं बल्कि दुनियाभर में कई ऐसी जगहें हैं, जहां धनाढ्यों ने अकूत संपत्ति रखी है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने अपने एक हालिया रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 के दौरान स्विट्जरलैंड में करीब 2.4 ट्रिलियन डॉलर जमा किया गया है. यह पूरी दुनिया में जमा कुल धन का करीब एक चौथाई है. इसके अलावा सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में भी रिकॉर्ड इजाफे की उम्मीद थी. आइए नज़र डालते हैं कि किन जगहों पर सबसे ज्यादा विदेशी संपत्ति जमा है.
स्विट्जरलैंड में फिलहाल कुल जमा धन 2.4 ट्रिलियन डॉलर है. आप इस रकम का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि यह रकम भारतीय अर्थव्यवस्था से कुछ ही कम है. अनुमान है कि इसमें 2024 तक सालाना 3 फीसदी की दर से ग्रोथ देखने को मिलेगा.
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर हॉन्गकॉन्ग है. हॉन्गकॉन्ग में कुल जमा धन 2.1 ट्रिलियन डॉलर है. अनुमान है कि 2024 तक यह सालाना 9 फीसदी की दर से बढ़ता रहेगा.
तीसरे नंबर पर सिंगापुर की बारी आती है. यहां कुल जमा धन 1.2 ट्रिलियन डॉलर है. अनुमान लगाया गया है कि इसमें भी सालाना 9 फीसदी की दर से इजाफा होगा.
अमेरिका भी विदेशी अमीरों की संपत्ति जमा करने में पीछे नहीं है. यहां कुल जमा विदेशी प्राइवेट संपत्ति करीब 0.9 ट्रिलियन डॉलर है. 2024 तक इसमें सालाना 7 फीसदी की दर से इजाफा होने का अनुमान है.
ब्रिटेन के 'चैनल ऑफ आइलैंड' विदेशी धन करीब 0.5 ट्रिलियन डॉलर है. 2024 तक सालाना इसमें 2 फीसदी तक इजाफा होने का अनुमान है.
इस लिस्ट में अगला नंबर UAE का है, जहां कुल 0.5 ट्रिलियन डॉलर प्राइवेट वेल्थ जमा है. अनुमान है कि 2024 तक सालाना 5 फीसद से इसमें इजाफा होगा.
लग्जमबर्ग में भी कुल 0.4 ट्रिलियन डॉलर विदेशी संपत्ति जमा है. 2024 में इसमें सालाना 3 फीसदी से इजाफे का अनुमान है.
यूनाइटेड किंग्डम में भी कुल 0.3 ट्रिलियन डॉलर विदेशी संपत्ति जमा है. अनुमान है कि इसमें सालाना 4 फीसदी की दर से इजाफा होगा.
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