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मोदी सरकार दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी, जानें

Bhumika Sahu
28 Sep 2021 3:53 AM GMT
मोदी सरकार दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी, जानें
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वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार यह कर्ज लेगी. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने बॉन्ड (Bond) जारी कर 7.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार राजस्व में कमी की भरपाई के लिए चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार यह कर्ज लेगी. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकार ने बॉन्ड (Bond) जारी कर 7.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.

मंत्रालय ने कहा, आम बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 12.05 लाख करोड़ रुपये के सकल ऋण का अनुमान लगाया गया है. इसमें से 60 प्रतिशत यानी 7.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज पहली छमाही में जुटाने की योजना बनाई गई थी.
पहली छमाही में 7.02 लाख करोड़ रुपये का लिया कर्ज
बयान में कहा गया है कि पहली छमाही में 7.02 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया है. अब सरकार की योजना शेष 5.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दूसरी छमाही में लेने की है.
दूसरी छमाही के कर्ज अनुमान में जीएसटी मुआवजे के एवज में एक के बाद एक ली गई लोन सुविधा के तहत राज्यों को शेष राशि जारी करने की जरूरत को भी शामिल किया गया है.
बजट 2021-22 के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल कर्ज 12.05 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वहीं शुद्ध कर्ज 9.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
बाजार से पैसे जुटा रही है सरकार
सकल ऋण में पुराने कर्ज का भुगतान शामिल होता है. अगले वित्त वर्ष में पुराने कर्ज का भुगतान 2.80 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. सरकार, दिनांकित प्रतिभूतियों तथा ट्रेजरी बिलों के जरिये बाजार से धन जुटाकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करती है.
बजट में चालू वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. बीते वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 9.5 प्रतिशत था.
पहली छमाही के दौरान केंद्र ने जीएसटी मुआवजे के एवज में उपलब्ध कराई गई लोन सुविधा के तहत राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 75,000 करोड़ रुपये जारी किए थे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1.58 लाख करोड़ रुपये में से बची 83,000 करोड़ रुपये की राशि 1 अक्टूबर से शुरू हो रही दूसरी छमाही में जारी किए जाएंगे.


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