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मोदी सरकार किसानों के लिए अब उठा सकती है ये बड़ा कदम

Khushboo Dhruw
20 May 2021 6:32 PM GMT
मोदी सरकार किसानों के लिए अब उठा सकती है ये बड़ा कदम
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कोरोना काल में मोदी सरकार ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ तोहफे का ऐलान कर दिया है

कोरोना काल में मोदी सरकार ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ तोहफे का ऐलान कर दिया है. बुधवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी कि अंतरराष्‍ट्रीय मूल्‍यों में बढ़ोतरी के बाद भी किसानों को पुरानी दरों पर ही खाद मुहैया कराई जाएगी. उन्‍होंने कहा कि अब DAP खाद का एक बैग 2400 रुपये की जगह 1200 रुपये पर मिलेगी. इस प्रकार अब किसानों को कम दाम में खाद मिल सकेगा. सब्सिडी के तहत किसानों को कम दाम पर ही खाद मुहैया कराई जाती है.

खाद सब्सिडी की मौजूदा नियमों के तहत सरकार किसानों को खाद कंपनियों के जरिए कम दाम पर खाद मुहैया कराती है. सरकार की ओर से सब्सिडी का पैसा सीधे खाद कंपनियों को दे दिया जाता है. लेकिन अब इसमें बदलाव की मांग भी होने लगी है.
किसानों के खाते में सब्सिडी की राशि भेजने पर मंथन
अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि सब्सिडी का राशि सीधे कपंनियों को न देकर किसानों का डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए भेज दी जाए. हालांकि, इस पर अभी मंथन जारी है, सरकार ने कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है. कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (CAPC) भी किसानों को DBT के जरिए ही सब्सिडी देने की सिफारिश कर चुका है. DBT के जरिए सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में भेज दी जाएगी. इसके बाद किसानों को बाजार भाव पर खाद खरीदना होगा.
किसानों को सीधे सब्सिडी देने पर क्‍या तैयारी चल रही?
इसी साल सरकार ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि इस मुद्दे पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. हालांकि, इसपर व्‍यपाक रूपरेखा तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल सचिव की अध्‍यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की गई है. पिछले साल 1 जून को इस समिति का गठन हुआ था. इसके बाद 25 जून और 28 अक्‍टूबर को दो बैठकें भी हो चुकी हैं.
कंपनियों के जरिए किसानों तक कैसे पहुंचती है सब्सिडी?
सरकार की ओर से सब्सिडी का भुगतान सीधे खाद कंपनियों को दी जाती है. कुछ साल पहले तक कंपनियों को यह रकम तभी दे दी जाती थी, जब वे खाद को डिस्‍पैच कर देती थीं और मालगाड़ी के जरिए यह जिले तक पहुंच जाती थी. लेकिन, 2018 से डायरेक्‍ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्‍टम को लागू किया गया.
इसके तहत खाद कंपनियों को सब्सिडी को भुगतान तभी मिलेगा, जब वास्‍तव में कोई किसान खुदरा खाद भंडार से इसकी खरीद करेगा. देशभर में करीब 2.30 लाख रिटेलर्स के पास प्‍वॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीन है जोकि सीधे उर्वरक विभाग के e-Urvarak DBT पोर्टल से लिंक होता है. किसी भी व्‍यक्ति को सब्सिडी के भाव पर खाद खरीदने के लिए आधार कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड की जरूरत होती है.
उक्‍त किसान द्वारा खरीदे गए खाद की मात्रा और उनका नाम भी पीओएस मशीन में दर्ज होती है. किसानों को बायोमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन भी किया जाता है. जब तक इस पोर्टल पर खाद की बिक्री दर्ज नहीं होगी, तब तक कंपनी को सब्सिडी की रकम नहीं मिलेगी.
सामान्‍य तौर पर कितने खाद की जरूरत होती है?
किसानों के लिए खाद की जरूरत उनकी फसल पर निर्भर करती है. अगर कोई किसान 20 एकड़ जमीन में खेती करता है तो उन्‍हें प्रति एकड़ गेहूं या धान के लिए 45 किलोग्राम यूरिया के 3 बैग, DAP का 50 किलोग्राम वाला एक बैग और 25 किलोग्राम MOP की जरूरत होगी.
किसानों को प्रति एकड़ सब्सिडी पर कितनी खाद मिलती है?
किसानों को प्रति एकड़ तीन बैग यूरिया, एक बैग DAP और आधा बैग MOP के लिए 2,437 रुपये देने होते थे. इसपर 13,000 रुपये प्रति टन के हिसाब से यूरिया के लिए 585 रुपये प्रति बैग, DAP के लिए प्रति बैग 511.55 रुपये और MOP के लिए प्रति बैग 303.5 रुपये यानी कुल 2,418.3 रुपये की सब्सिडी बनती है.


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