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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा- बुधवार को देशभर में कुल 3,097 हवाई उड़ानों का हुआ संचालन

Tara Tandi
15 Oct 2020 11:49 AM GMT
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा- बुधवार को देशभर में कुल 3,097 हवाई उड़ानों का हुआ संचालन
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को देशभर में कुल 3,097 उड़ानों का संचालन हुआ और हवाई अड्डों...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि बुधवार को देशभर में कुल 3,097 उड़ानों का संचालन हुआ और हवाई अड्डों पर 3,34,110 फुटफॉल दर्ज किए गए। 14 अक्तूबर को देशभर में 1,66,767 लोगों ने हवाई यात्रा की।

वंदे भारत मिशन के तहत छह मई 2020 से अब तक 21.4 लाख से अधिक लोगों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान की गई। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि फंसे हुए नागरिकों तक पहुंचने के लिए और उड़ानें, गंतव्य और एयर बबल व्यवस्था को जोड़ा जा रहा हैं।

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को बताया था कि इस साल सितंबर में कुल 39.43 लाख घरेलू यात्रियों ने हवाई यात्रा की, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 66 फीसदी कम है। वहीं जुलाई और अगस्त में क्रमशः 21.07 लाख और 28.32 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की।


डीजीसीए द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो ने सितंबर में 22.66 लाख यात्रियों को सेवाएं दी, जो कुल घरेलू बाजार का 57.5 फीसदी हिस्सा है। स्पाइसजेट ने 5.3 लाख यात्रियों को सेवाएं प्रदान की, जो कुल बाजार का 13.4 फीसदी हिस्सा है। सितंबर में एयर इंडिया, एयर एशिया इंडिया, विस्तारा और गोएयर से क्रमश: 3.72 लाख, 2.35 लाख, 2.58 लाख और 2.64 लाख यात्रियों ने सफर किया।

छह प्रमुख भारतीय एयरलाइनों की ऑक्यूपेंसी दर या लोड फैक्टर सितंबर में 57 से 73 फीसदी के बीच था। इस संदर्भ में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि, 'सितंबर 2020 में लोड फैक्टर कारक में लॉकडाउन के खुलने के बाद बढ़ती मांग के कारण कुछ सुधार आया है।'

मालूम हो कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के कारण दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई को घरेलू यात्री उड़ानों को फिर से शुरू किया गया। भारतीय एयरलाइंस को पूर्व कोविड-19 घरेलू उड़ानों का अधिकतम 60 फीसदी संचालन करने की अनुमति है।

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर भारत और अन्य देशों में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण विमानन क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। भारत में सभी एयरलाइंस ने कॉस्ट में कटौती के उपाय किए हैं, जैसे कि वेतन में कटौती, कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी दी गई और कुछ को नौकरी से भी निकाला गया।

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