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माइकल पात्रा ने कहा- इंडियन इकॉनमी के पटरी पर लौटने में लग सकते हैं कई साल

Tara Tandi
23 Oct 2020 1:03 PM GMT
माइकल पात्रा ने कहा- इंडियन इकॉनमी के पटरी पर लौटने में लग सकते हैं कई साल
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इस साल देश की जीडीपी में अब तक के अनुमान के मुताबिक 10-12 फीसदी का संकुचन आना निश्चित है। कई रिपोर्ट में उम्मीद जताई...

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, इस साल देश की जीडीपी में अब तक के अनुमान के मुताबिक 10-12 फीसदी का संकुचन आना निश्चित है। कई रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि अगले वित्त वर्ष (2021-22) में इसमें पॉजिटिव ग्रोथ दिखेगा। ग्रोथ को लेकर रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के मेंबर माइकल पात्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मोमेंटम में जिस तरह का नुकसान हुआ है, उसे वापस होने में कई साल लग सकते हैं।

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कोरोना के बाद अलग होगा इकॉनमी का हाल

उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया और इकॉनमी बिल्कुल अलग होगी। सोशल और कमर्शल बिहेवियर में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था में सुधार तो आएगा लेकिन हर लिहाज से ढांचागत बदलाव देखने को मिलेगा। ऐसे में पोस्ट कोविड विकास का ग्राफ भी अलग तरीके से तैयार होगा।

रीपो रेट कट की अभी गुंजाइश

इसी महीने के शुरुआत में रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक हुई थी। लगातार दूसरी बार रिजर्व बैंक ने रीपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा। हालांकि गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम रेट कट के लिए तैयार हैं। आने वाले समय में अगर इंट्रेस्ट में कटौती की जरूरत होगी तो यह कदम उठाया जाएगा।

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कोरोना के दूसरे वेब का डर

भारत में कोरोना के दूसरे वेब को लेकर डर लगातार हावी हो रहा है। यूरोप, इजरायल, इंडोनेशिया जैसे देशों में एकबार फिर से लॉकडाउन को लागू किया गया है। एक केंद्रीय समिति ने हाल ही में कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों में से कम से कम आधे को फरवरी 2021 तक कोरोना हो जाएगा। भारत में अब तक कोरोना वायरस के 75 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। कुल संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। यह स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

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