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नई दिल्ली | मारुति सुजुकी इंडिया ने अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता को आठ वर्षों में दोगुना कर 40 लाख इकाई तक लाने के लिए लगभग 45,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है।
कंपनी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने यह जानकारी दी।
उन्होंने मारुति सुजुकी की वार्षिक आम बैठक में कहा कि कंपनी शेयर विभाजन के लिए शेयरधारकों के सुझावों पर बोर्ड बैठक में विचार करेगी। भार्गव ने कहा कि वैश्विक ऑटो उद्योग शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए प्रयास कर रहा है, और इस दिशा में मारुति सुजुकी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), हाइब्रिड, सीएनजी, इथेनॉल-मिश्रित तथा संपीड़ित बायोगैस जैसी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि अभी यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि नई प्रौद्योगिकियों के मामले में अगले 8-10 वर्षों में क्या होगा।भार्गव ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनी 40 वर्षों में 20 लाख इकाइयों के उत्पादन और बिक्री तक पहुंची है और अगले आठ वर्षो में इसमें 20 लाख इकाइयों को और जोड़ने की तैयारी है।
उन्होंने कहा, ”हमारे सामने आने वाला समय बेहद अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। हमें 20 लाख कारों की क्षमता तैयार करने में लगभग 45,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। हालांकि, यह मुद्रास्फीति पर निर्भर करेगा।”उन्होंने कहा कि ‘मारुति 3.0’ के तहत कंपनी ने 2030-31 तक बाजार में लगभग 28 विभिन्न मॉडलों को पेश करने के साथ उत्पादन क्षमता को 20 लाख इकाई तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।
आईटी सेवा क्षेत्र की आय वृद्धि 2023-24 में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी: ICRA
मुंबई
भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र की आय वृद्धि चालू वित्त वर्ष में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 9.2 प्रतिशत थी। घरेलू रेटिंग कंपनी इक्रा रेटिंग्स ने यह अनुमान जताया।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में क्षेत्र के मुनाफे में भी गिरावट होगी और परिचालन लाभ मार्जिन एक प्रतिशत तक कम होकर 20-21 प्रतिशत रह जाएगा।
इक्रा ने मांग में नरमी को मंदी का कारण बताते हुए कहा कि आय वृद्धि वित्त वर्ष 2022-23 में दर्ज 9.2 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3-5 प्रतिशत रह जाएगी।
एजेंसी के आईटी सेवा क्षेत्र के प्रमुख दीपक जोतवानी ने कहा कि आईटी कंपनियों के लिए प्रमुख बाजारों में ”लगातार अनिश्चितता” बनी हुई है, जिसके चलते गैर-महत्वपूर्ण परियोजनाओं में रुकावट जारी है।
उन्होंने बताया कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा, खुदरा, प्रौद्योगिकी तथा संचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों द्वारा विवेकाधीन आईटी खर्च में कमी की गई है।
एजेंसी ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में आर्थिक बाधाओं के कारण भारतीय आईटी सेवा कंपनियों की वृद्धि में 2022-23 की तीसरी तिमाही से 2023-24 की पहली तिमाही के बीच तेज गिरावट हुई है। चालू वित्त वर्ष के अंत में हालात कुछ बेहतर होने की उम्मीद है।
इक्रा ने कहा कि वृद्धि में कमी के कारण पिछली तीन तिमाहियों में भर्तियों में उल्लेखनीय कमी आई है और यह रुझान निकट अवधि में भी जारी रहेगा।
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Harrison
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