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भारत सरकार ने IIT मद्रास और मैपमायइंडिया के साथ मिलकर एक करार किया है जिसमें सड़क पर आने वाले गड्ढों के अलावा दुर्घटना संभावित क्षेत्र जैसी कई अन्य जानकारियां ड्राइवर को मिलेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय ने IIT मद्रास और डिजिटल टैक कंपनी मैपमायइंडिया के साथ कोलेबरेशन किया है. इस करार के अंतर्गत भारत में ड्राइवर्स को रोड सेफ्टी यानी सड़क सुरक्षा के लिए अलर्ट देने की तकनीक डेवेलप की जा रही है. इन तानों ने मिलकर फ्री टू यूज नेविगेशन ऐप लॉन्च की है जो सड़क पर चलते ड्राइवर्स को संभावित दुर्घटनाओं की जानकारी अलर्ट के जरिए देगी. इस ऐप में ड्राइवर को ऑडियो और विजुअल के जरिए दुर्घटना संभावित क्षेत्र, स्पीड ब्रेकर्स, अंधे मोड़ और खराब रास्ते के साथ बाकी खतरों की जानकारी दी जाएगी.
मौत की संख्या कम करने के लिए ये उठाया कदम
भारत सरकार की सड़क सुरक्षा पहल के तहत दुर्घटनाओं में होने वाली मौत की संख्या कम करने के लिए ये कदम उठाया गया है. मूव नाम की इस नेविगेशन सर्विस ऐप को मैपमायइंडिया ने डेवेलप किया है जिसने सरकार का आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज 2020 जीता है. इस सर्विस का इस्तेमाल नागरिकों और अथॉरिटीज द्वारा दुर्घटना की जानकारी, खतरनाक जगहों और सड़कों के अलावा ट्रैफिक की समस्या के बारे में जानकारी देने के लिए भी किया जा सकता है ताकि बाकी यूजर्स को सहूलियत मिल सके. इस ऐप से मिले डेटा का IIT मद्रास द्वारा एनलाइज किया जाएगा और मैपमायइंडिया भविष्य में खराब सड़कों को दुरुस्त करने के लिए सरकार को जानकारी देने में इस डेटा का इस्तेमाल करेगी.
IIT मद्रास के रिसर्चर्स द्वारा तैयार
पिछले महीने सड़क मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से IIT मद्रास के रिसर्चर्स द्वारा तैयार रोड सेफ्टी मॉडल के डेटा का इस्तेमाल करना शुरू किया है जिसे वर्ल्ड बैंक की फंडिंग की मदद से तैयार किया गया है. 32 से ज्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सड़क सुरक्षा और इमरजेंसी रिस्पॉन्स को बेहतर बनाने के लिए इस इंटीग्रेटेड रोड एक्सिडेंट डेटाबेस मॉडल का इस्तेमाल किया जाएगा जिसे IIT ने बनाया है. 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी करने के लिए आईआईअी टीम ने कई राज्यों के साथ एग्रिमेंट साइन किया है
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