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फेसबुक पर मुकदमा दर्ज
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमेरिका की सरकार और उसके 48 राज्यों ने एक साथ इंटरनेट मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक पर मुकदमे दर्ज किए हैं। फेसबुक पर एकाधिकार स्थापित करने और छोटी-छोटी कंपनियों को अपनी गलत नीतियों से समाप्त करने के गंभीर आरोप हैं। अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) और 48 राज्यों के अटार्नी जनरल की जांच शुरू होते ही स्टॉक एक्सचेंज में फेसबुक के शेयर धड़ाम से गिर पड़े।
न्यूयॉर्क की अटार्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने कहा है कि फेसबुक ने एकाधिकार बनाने के लिए सोची समझी रणनीति पर काम किया है। पहले उसने तेजी से उभर रहे अपने प्रतिद्वंद्वी इंस्टाग्राम को 2012 में खरीद लिया। उसके बाद जब वाट्सएप मैसेंजिंग एप तेजी से उसके सामने आया तो उसका भी अधिग्रहण 2014 में कर लिया। इसके बाद फेसबुक ने सॉफ्टवेयर डवलप करने वाली कंपनियों के सामने प्रतिस्पर्धा अवरोध करने वाली शर्तें लगाना शुरू कर दिया।
दर्ज शिकायत में कहा गया है कि फेसबुक का इस तरह का व्यापारिक व्यवहार स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के लिये नुकसानदायक रहा और इससे उपभोक्ता के सामने इंटरनेट प्लेटफार्म पर कुछ ही विकल्प रह गए। लगभग एक दशक से फेसबुक की एकाधिकारवादी नीतियां चल रही हैं और अब उसमें और तेजी आती जा रही है। इससे छोटी कंपनियां मुकाबले में ठहर नहीं पा रहीं और जनता को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
एफटीसी के ब्यूरो ऑफ कंपटीशन के निदेशक इआन कार्नर ने कहा है कि अमेरिका में इंटरनेट मीडिया करोड़ों लोगों की रोजमर्रा का हिस्सा है। इस कार्रवाई के पीछे हमारा उद्देश्य है कि फेसबुक अपनी प्रतिस्पद्र्धा विरोधी नीतियों को समाप्त करे, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ हो सके।
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