इन्वेस्टमेंट टैक्स : प्रत्येक करदाता को टैक्स भुगतान से पहले अपनी आय का लेखा-जोखा देना पड़ता है, जिसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी कि ITR भरना पड़ता है। ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि आईटीआर फाइलिंग (ITR Filling) एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके जरिए आयकर विभाग आपके कर योग्य आय का ब्योरा रखता है। आपको बता दें कि इसका काम केवल आय और व्यय की जानकारी देना नहीं है, बल्कि एक ITR के कई और लाभ भी हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
हम में से कई लोग PPF और किसान विकास पत्र जैसी योजनाओं पर निवेश करते हैं, जिसका लाभ कर छूट के रूप में धारा 80C में मिलता है। इसमें अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की छूट ली जा सकती है। हालांकि, यह छूट तब मिलेगी, जब करदाता ने ITR फाइलिंग की होगी। इसलिए विभिन्न निवेशों के जरिए अगर टैक्स में छूट लेना चाहते हैं तो ITR फाइल करना जरूरी है।
