व्यापार
मालाबार नीम करेगा किसान को मालामाल, जानें भारत में कैसे होती है इसकी खेती
jantaserishta.com
20 March 2022 7:59 AM GMT
x
Malabar Neem Farming: मालाबार नीम या मेलिया डबिया इस पेड़ को कई नाम से बुलाया जाता है. मेलियासी वनस्पति परिवार से उत्पन्न, मालाबार नीम यूकेलिप्टस की तरह तेजी से बढ़ता है. यह रोपण से 2 साल के भीतर 40 फुट तक ऊंचाई ले लेता है. कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के किसान इस पेड़ की फार्मिंग बड़ी संख्या में कर रहे हैं.
मालाबार नीम के पौधे की खासियत है कि इसमें ज्यादा खाद व पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है. यह सभी प्रकार की मिट्टी में लगता है. पांच साल में ही यह इमारती लकड़ी देने लायक हो जाते हैं. इसे खेत की मेड़ पर भी लगा सकते हैं. इसका पौधा एक साल में 08 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है. इसके पौधों में दीमक नहीं लगने सेप्लाईवुड इंडस्ट्रीज में इसकी सर्वाधिक मांग है.
इसकी लकड़ी का उपयोग पैकिंग के लिए, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस की डिबिया, संगीत वाद्ययंत्र, चाय की पेटियों व हर तरह के फर्नीचर बनाने में होता है. इससे तैयार फर्नीचर में कभी भी दीमक नहीं लगते हैं. लिहाजा, इसकी लकड़ी से जीवनभर के लिए टेबल-कुर्सी, आलमीरा, चौकी, पलंग, सोफा व अन्य सामान बनवाए जा सकते हैं.
जैविक तत्वों से भरपूर उपजाऊ रेतीली दोमट मिट्टी मालाबार नीम की खेती के लिए सबसे अच्छी होती है. जबकि बजरी मिश्रित उथली मिट्टी में इसकी वृद्धि खराब विकास दर को दर्शाती है. इसी तरह, लैटराइट लाल मिट्टी भी मालाबार नीम की खेती के लिए बहुत अच्छी है. अगर आप बीज से खेती कर रहे हैं तो मार्च-अप्रैल के दौरान बीज बोना सबसे अच्छा है.
मालाबार नीम के 4 एकड़ में 5 हजार पेड़ लगा सकते हैं, जिसमें से 2 हजार पेड़ खेत के बाहर वाली मेड़ पर और 3 हजार पेड़ खेत के अंदर मेड़ पर लगा सकते हैं. पेड़ों की लकड़ी को 8 वर्ष के बाद बेच सकते हैं. आप इसकी खेती कर 4 एकड़ में करके आसानी से 50 लाख रुपये तक कमा सकते हैं. एक पेड़ का वजन डेढ़ से दो टन होता है. मार्केट में कम से कम यह 500 रुपये कुंतल बिकता है. ऐसे में अगर 6 से 7 हज़ार का भी एक पौधा बिकेगा तो आराम से किसान लाखों रुपये कमा सकते है.
jantaserishta.com
Next Story