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प्रमुख कंपनियों ने खाद्य तेल की कीमतों में की कटौती,आम आदमी के लिए बड़ी राहत!

Kajal Dubey
28 Dec 2021 4:18 AM GMT
प्रमुख कंपनियों ने खाद्य तेल की कीमतों में की कटौती,आम आदमी के लिए बड़ी राहत!
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नए साल से पहले आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नए साल से पहले आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। अब आपको खाने का तेल सस्ता मिलेगा। दरअसल, कई प्रमुख एडिबल ऑयल कंपनियों ने खाने के तेल की अधिकतम खुदरा मूल्य यानी एमआरपी घटा दी है। उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया एसईए ने सोमवार को कहा कि अदानी विल्मर और रुचि सोया सहित प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अपने उत्पादों के एमआरपी में 10-15 प्रतिशत की कटौती की है। अडानी विल्मर (फॉच्र्यून ब्रांड), रुचि सोया (महाकोश, सनरिच, रुचि गोल्ड और न्यूट्रेला ब्रांड), इमामी (स्वस्थ और स्वादिष्ट ब्रांड), बंज (डालडा, गगन, चंबल ब्रांड) और जेमिनी (फ्रीडम सनफ्लावर ऑयल ब्रांड्स) जैसे बड़े ब्रांड्स ने खाद्य तेलों की कीमतें घटा दी हैं। इसके अलावा फ्रिगोरिफिको अल्लाना (सनी ब्रांड) और गोकुल एग्रो (विटालाइफ़, महेक और ज़ैका ब्रांड) अन्य ने भी कीमतों में कमी की है। एसईए ने अपने बयान में कहा, हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए दाम घटा दिए हैं।

इन कंपनियों ने घटाए दाम

SEA के मुताबिक, अडानी विल्मर (फॉर्च्यून ब्रांड), रुचि सोया (महाकोश, सनरिच, रुचि गोल्ड और न्यूट्रेला ब्रांड), इमामी (स्वस्थ और स्वादिष्ट ब्रांड), बंज (डालडा, गगन, चंबल ब्रांड) और जेमिनी (फ्रीडम सनफ्लावर ऑयल ब्रांड्स) जैसे बड़े ब्रांड्स ने खाद्य तेलों की कीमतें घटा दी हैं। इसके अलावा COFCO (न्यूट्रीलाइव ब्रांड), फ्रिगोरिफिको अल्लाना (सनी ब्रांड) और गोकुल एग्रो (विटालाइफ़, महेक और ज़ैका ब्रांड) अन्य ने भी कीमतों में कमी की है। SEA ने अपने बयान में कहा, "हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों ने त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए उनके द्वारा विपणन किए जाने वाले खाद्य तेलों पर एमआरपी को 10-15 प्रतिशत तक कम कर दिया है।"
आने वाले महीनों में और कम होंगे दाम!
उपभोक्ताओं को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से, केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कुछ दिन पहले उद्योग जगत के नेताओं की एक बैठक बुलाई थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे आयात शुल्क में कमी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दें, जिसकी घोषणा सरकार ने की थी। उद्योग संगठन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के साथ घरेलू सरसों की बड़ी फसल की उम्मीद के साथ नया साल उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी लेकर आएगा।
एसईए ने आगे कहा कि खाद्य तेलों की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस साल कई बार रिफाइंड और कच्चे दोनों खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम किया है। आयात शुल्क में आखिरी कमी 20 दिसंबर को सरकार द्वारा की गई थी जब रिफाइंड पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क को 17.5 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया था, जो मार्च 2022 के अंत तक था।


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