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रक्षा मंत्रालय ने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स यानी की MDS को एक स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट दिया है
रक्षा मंत्रालय ने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स यानी की MDS को एक स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट दिया है. महिंद्रा डिफेंस सिस्टम, महिंद्रा एंड महिंद्रा का ही हिस्सा है जो भारतीय फौज के लिए आर्मर्ड टैक्टिकल व्हीकल्स का निर्माण करता है. ये लाइट स्ट्राइक यानी की LSV व्हीकल्स होती हैं जिन्हें भारतीय सैनिक सर्च ऑपरेशन और हथियार ले जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इन गाड़ियों को स्पेशली वॉर जोन के लिए बनाया जाता है. यानी की अगर कहीं जंग हो रही है और सैनिकों को उस एक एरिया में मूव करना है तो ये गाड़ियां बेहद काम आती हैं.
रक्षा मंत्रालय ने कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए बोली लगाई थी जहां ओपन टेंडर के जरिए कई कंपनियों की गाड़ियों को अलग अलग ऑपरेटिंग कंडिशन में टेस्ट किया गया. MDS LSV ने अंत में सभी दूसरी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया और हर टेस्ट में पास हुआ. ऐसे में अंत में रक्षा मंत्रालय ने इसे ही कॉन्ट्रैक्ट दे दिया. MDS LSV इकलौती ऐसी गाड़ी है जिसने फील्ड, बैलैस्टिक्स और टेक्निकल ट्रायल्स को पास किया.
फिलहाल इस कंपनी को जो कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है उसकी कीमत 1056 करोड़ है. इन गाड़ियों को अगले चार साल यानी की 2025 तक बना लिया जाएगा. MDS को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये इंडियन आर्मी के हर टेस्ट को पास कर सकता है. इस गाड़ी में आपको कई बेहतरीन फीचर्स मिलते हैं जो सैनिकों की जरूरत के समय मदद कर सकता है. बाहर से ये गाड़ी बेहद मजबूत होती है जो गोली को भी झेल जाती है.
महिंद्रा डिफेंस सिस्टम के चेयरमैन एसपी शुक्लास ने कहा कि, ये कॉन्ट्रैक्ट साफ साफ इस बात को दर्शाता है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान कितना सफल है. आर्मर्ड टैक्टिकल व्हीकल्स के लिए ये पहला ऐसा बड़ा एडवांस कॉन्ट्रैक्ट है जिसे भारत का प्राइवेट सेक्टर डिजाइन और डेवलप करेगा.
MDS LSV पहले ही भारतीय बटालियन में शामिल है जो अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र पीसकीपिंग के लिए काम करता है. वहीं दूसरे देशों में भी इस गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आनेवाले समय में इन गाड़ियों को निर्यात किया जा सकता है.
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