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चीनी ऐप (Chinese apps) की भारत में बाजार हिस्सेदारी 2020 के दौरान घटी,
चीनी ऐप (Chinese apps) की भारत में बाजार हिस्सेदारी 2020 के दौरान घटी, जबकि 'इंस्टॉल' संख्या के आधार पर देसी ऐप (Indian App) का बोलबाला बढ़ा है. मोबाइल कार्य संबंध और विपणन विश्लेषण की वैश्विक संस्था ऐप्सफ्लायर की रिपोर्ट 'भारत में 2021 में ऐप विपणन की स्थिति' में कहा गया है कि अर्ध-शहरी क्षेत्रों की मदद से भारत की ऐप अर्थव्यवस्था (India's app economy) में बढ़ोतरी हुई, और घरेलू ऐप ने विदेशी कंपनियों को पछाड़ते हुए मोबाइल बाजार हिस्सेदारी में अपना वर्चस्व कायम किया.
ऐप्सफ्लायर (AppsFlyer) के क्षेत्रीय प्रबंधक संजय त्रिसाल ने कहा कि चीनी ऐप की कुल बाजार हिस्सेदारी (29 प्रतिशत) काफी कम हो गई है, जबकि भारतीय ऐप ने 2020 में मौके का लाभ उठाया और उसकी बाजार हिस्सेदारी 40 प्रतिशत हो गई. उन्होंने कहा कि इस तेजी से बढ़ते बाजार में इस्रायल, अमेरिका, रूस और जर्मनी के ऐप तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं और वे चीन को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. अध्ययन के तहत एक जनवरी से 30 नवंबर 2020 के बीच भारत में कुल 7.3 अरब 'इंस्टॉलेशन' का विश्लेषण किया गया, जिसमें मनोरंजन, वित्त, शॉपिंग, गेमिंग, यात्रा, समाचार, भोजन और पेय, और उपयोगिता संबंधी 4519 ऐप शामिल हैं.
जाहिर है भारत सरकार के जून में टिकटॉक समेत अन्य चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बाद मेड इन इंडिया (Made In India) शॉर्ट वीडियो ऐप्स जैसे चिंगारी, रोपोसो और दूसरे ऐप्स ने काफी से तेजी से बढ़त हासिल की है. रोपोसो की पहुंच देश के 40 प्रतिशत स्मार्टफोन तक है.
क्षेत्रीय मांग से इंडियन ऐप की खपत बढ़ी
AppsFlyer के एक बयान में कहा गया है कि डेटा सैंपल में 933 बिलियन ऐप ओपन और 3.0 बिलियन रीमार्केटिंग ट्रांसफॉर्मेशन शामिल हैं. अर्ध-शहरी क्षेत्रों की मांग ने इंडियन ऐप की खपत को बढ़ा दिया है. उत्तर प्रदेश, जो भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, ने 12.10 प्रतिशत पर गैर-जैविक स्थापित (एनओआई) बाजार का नेतृत्व किया, जो महाराष्ट्र में 11.49 प्रतिशत "लॉकडाउन के प्रभाव के कारण" पीछे रह गया.
सस्ते मोबाइल डेटा और हैंडसेट की उपलब्धता के कारण, टियर 2, 3, और 4 शहरों में गेमिंग, वित्त और मनोरंजन में मोबाइल उपयोग में वृद्धि देखी गई. संजय त्रिसाल के मुताबिक क्षेत्रीय इलाकों में इंडियन ऐप डेवलपर्स के लिए काफी अवसर तैयार हो सकते हैं.
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