व्यापार
निचली कारपोरेट टैक्स छूट 2 साल बाद होगी खत्म, 2024 के बाद अधिक विस्तार देने के पक्ष नहीं
Apurva Srivastav
4 Feb 2022 4:02 PM GMT
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नई स्थापित होने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के लिए सरकार 15 प्रतिशत की निचली कारपोरेट टैक्स दर को अधिक विस्तार देने के पक्ष में नहीं है।
नई दिल्ली। नई स्थापित होने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के लिए सरकार 15 प्रतिशत की निचली कारपोरेट टैक्स दर को अधिक विस्तार देने के पक्ष में नहीं है। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा है कि बजट में नई मैन्यूफैक्च¨रग यूनिट को अगले एक वर्ष के लिए कारपोरेट टैक्स में जो छूट दी गई है उसे और नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार चाहती है कि उद्यमी जल्द से जल्द अपनी मैन्यूफैक्च¨रग यूनिट की स्थापना करंे। नई यूनिट के लिए कारपोरेट टैक्स 15 प्रतिशत है जिसकी अवधि मार्च, 2023 में समाप्त हो रही थी। बजट में इस अवधि को बढ़ाकर वर्ष मार्च, 2024 तक कर दिया गया है। बाकी मैन्यूफैक्च¨रग यूनिट के लिए 22 प्रतिशत कारपोरेट टैक्स है।
वर्ष 2019 के सितंबर माह में सरकार ने कारपोरेट टैक्स को 30 प्रतिशत से कम करते हुए 22 प्रतिशत कर दिया था और पहली अक्टूबर, 2019 के बाद नए निवेश से स्थापित होने वाली मैन्यूफैक्च¨रग यूनिट के लिए 15 प्रतिशत कारपोरेट टैक्स की घोषणा की थी। उद्योग संगठन एसोचैम के कार्यक्रम में बजाज ने कहा कि सरकार का फोकस पूंजीगत खर्च पर है और पिछले तीन वर्षो में पूंजीगत खर्च दोगुना कर दिया गया है। इससे जीडीपी को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे नौकरी के साथ कारोबार, आय और टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी होगी। एक बार ऐसा होना शुरू हो जाएगा तो हमें उम्मीद है कि निजी सेक्टर निवेश के लिए आगे आएंगे और अर्थव्यवस्था को आगे ले जाएंगे।
इसे ध्यान में रखते हुए ही एक और साल के लिए नई यूनिट के कारपोरेट टैक्स को 15 प्रतिशत रखा गया है। बजाज ने कहा कि अर्थव्यवस्था रिकवरी के रास्ते पर है जिससे टैक्स संग्रह में मजबूती दिख रही है। कारपोरेट टैक्स में कटौती की घोषणा वाले वर्ष में जीडीपी के अनुपात में टैक्स का संग्रह नीचे चला गया था। चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष व परोक्ष दोनों मिलाकर जीडीपी के अनुपात में टैक्स का संग्रह अधिकतम रह सकता है।
चालू वित्त वर्ष (2021-22) के बजट अनुमान में प्रत्यक्ष कर संग्रह के लिए 11.08 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था जिसे संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 12.50 लाख करोड़ कर दिया गया है। आगामी वित्त वर्ष (2022-23) के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 14.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इनमें 7.20 लाख करोड़ कारपोरेट टैक्स है तो सात लाख करोड़ व्यक्तिगत आयकर है।
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