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3 साल में 20 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में हुआ नुकसान, बेमौसम बारिश ने बढ़ाई मुश्किल, बदहाल हुई खेती

Gulabi
14 Dec 2021 1:35 PM GMT
3 साल में 20 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में हुआ नुकसान, बेमौसम बारिश ने बढ़ाई मुश्किल, बदहाल हुई खेती
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3 साल में 20 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में हुआ नुकसान
उत्पादन बढ़ाने के लिए कितनी भी योजना बना ली जाए, लेकिन अनिश्चित बारिश के कारण किसान असफल हो रहे हैं. पिछले तीन साल में अकेले बेमौसम बारिश ने 20 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचाया हैं पिछले साल भी दिसंबर में बारिश शुरू हुई थी.नतीजतन दोनों मौसमों में बागों को नुकसान पहुंचा हैं. फसल के नुकसान का असर अब आम लोगों के जीवन पर भी पड़ेगा ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे संकेत हैं कि प्रकृति के इस उतार-चढ़ाव से निकट भविष्य में महंगाई और भी ज्यादा बढ़ेगी.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि फसलों की खेती कैसे की जाए क्योंकि ऐसी बेमौसम बारिश साल भर चलती रहेगी.किसानों के सामने प्रकृति की मार का बड़ा संकट आने वाला हैं. इसके प्रबंधन के लिए अतिरिक्त लागत भी वहन करना होगा.वहीं किसानों का कहना हैं ये साल किसानों के लिए बस मुसीबत भरा साल रहा हैं,खरीफ के साथ अब रबी सीजन में बेमौसम बारिश से किसानों को नुकसान उतना पड़ रहा हैं.
पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा कहां नुकसान हुआ है?
सिर्फ इस बार ही नहीं, बल्कि पिछले तीन साल से बागों पर बेमौसम बारिश का कहर बरपा रहा है.इस साल बागों सहित खरीफ फसलों को भी नुकसान पहुंचा है.तीन साल में कोल्हापुर, चालीसगांव, सांगली, पुणे, नासिक और कोंकण में बागों को भारी नुकसान पहुंचा है.पिछले दो सालों में चक्रवात तौकते ने कोंकण में काजू, आम और नारियल के बागों को नष्ट कर दिया था. रबी का ज्वार, बाजरा और दालें भी प्रभावित हुईं.
इस कारण से हो रही हैं बेमौसम बारिश
वनों की कटाई की दर दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं तो इसका प्रभाव तापमान वृद्धि पर पड़ता है.0.5 डिग्री सेल्सियस तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है जिसके कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में लगातार कम दबाव की पेटियां बन रही हैं जिसके परिणामस्वरूप लगातार बेमौसम बारिश हो रही है इस साल हर 15 दिन में बेमौसम बारिश होती रहीं हैं.
बागों सहित रबी फसलों को नुकसान
महाराष्ट्र में इस साल बेमौसम बारिश नुकसानदेह होती जा रही है. इस साल बेमौसम बारिश से आम और अंगूर के बागों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.जबकि दोनों फसलें अंतिम चरण में हैं, बारिश और जलवायु परिवर्तन के कारण आम के फूल मुरझा गए हैं और अंगूर की बेल को अपूरणीय क्षति हुई है बारिश ने न केवल अंतिम फसल बल्कि हाल ही में बोई गई रबी सीजन की फसलों को भी प्रभावित किया है.ज्वार की फसल में कीड़ों से प्रभावित होने की संभावना नहीं होती है.लेकिन इस साल यह कीड़ों से प्रभावित हैं ऐसे संकेत हैं कि उत्पादन में गिरावट का सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा.जिससे आम जनता के जेब पर असर पड़ेगा.
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