Loan Moratorium: आम लोगों को मिली बड़ी राहत, 15 नवंबर से पहले लागू हो जाएगा ब्याज पर ब्याज माफी का फैसला
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ब्याज पर ब्याज को माफ करने के फैसले को जल्द-से-जल्द लागू करने का बुधवार को निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज को माफ करने की मांग को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह कहा। केंद्र सरकार ने तीन अक्टूबर को अपने हलफनामे में कहा था कि वह दो करोड़ रुपये तक के लोन के मामले में छह माह के मोराटोरियम की अवधि (मार्च से अगस्त, 2020) के लिए ब्याज पर ब्याज को माफ करेगी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि सरकार का यह निर्णय 15 नवंबर से पहले प्रभावी हो जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पांच अक्टूबर को सरकार के हलफनामे पर असंतोष जताया था। इसके बाद शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को विस्तृत जानकारी के साथ अतिरिक्त हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा था।
सरकार ने अपने नए हलफनामे में कहा है, ''नीति निर्माण सरकार का काम है और कोर्ट को सेक्टर विशेष को वित्तीय राहत देने के मामलों पर विचार नहीं करना चाहिए। दो करोड़ रुपये तक के लोन पर मोराटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर ब्याज में दी गई राहत से ज्यादा छूट देना इकोनॉमी एवं बैंकिंग सेक्टर के लिए घातक होगा।'
केंद्र सरकार ने इससे पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई और पर्सनल लोन पर छह महीने के मोराटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को नहीं वसूला जाएगा। सरकार इस छूट पर आने वाले खर्च को खुद वहन करेगी।