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एलएमएल ने भारत में जल्द ही लॉन्च कर सकती है इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर

Ritisha Jaiswal
9 Sep 2021 2:57 PM GMT
एलएमएल ने भारत में जल्द ही लॉन्च कर सकती है इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर
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स्वदेशी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी कानपुर बेस्ड (LML) एलएमएल ने भारत के ईवी दोपहिया सेक्टर में एंट्री लेने की तैयारी कर ली है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | स्वदेशी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी कानपुर बेस्ड (LML) एलएमएल ने भारत के ईवी दोपहिया सेक्टर में एंट्री लेने की तैयारी कर ली है। आपको बता दें कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए कंपनी ने भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में वापसी का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि कंपनी को बड़े इन्वेस्टमेंट मिले हैं जिसके साथ ये भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में उतरने को तैयार नजर आ रही है। आपको बता दें कि एलएमएल के दोपहिया वाहन भारत में अच्छी-खासी लोकप्रियता अर्जित कर चुकी हैं लेकिन अब देखना ये होगा कि कंपनी इलेक्ट्रिक सेगमेंट में सर्वाइव करने के लिए किस तरह की रणनीति बनाती है।

जानकारी के अनुसार, प्रबंधन ने ईवी बाजार में एलएमएल को बाजार में उतारने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी कंपनियों से प्रस्ताव हासिल कर लिया है। एक शानदार उत्पाद पेश करने की पूरी तैयारी हो चुकी है, एलएमएल अब धमाकेदार अंदाज में अपनी पुरानी पहचान को फिर से चमकाने के लिए आतुर है।
एलएमएल इलेक्ट्रिक के एमडी और सीईओ डॉ. योगेश भाटिया ने इस बारे में बताया, 'हम जबर्दस्त वापसी को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं। हम बेहतरीन तकनीकी की मदद से अत्यंत अभिनव उत्पाद पेश करने के लिए उत्पाद विकास रणनीतियों पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं ताकि शहरी आबादी में लोगों की आवाजाही सुगम और सफल हो सके। हम अपने प्रीमियम रेंज के उत्पादों के जरिये उच्च मध्यवर्ग और शहरी आबादी को सक्षम बनाना चाहते हैं जिससे उनके दोपहिया चलाने का अनुभव और तौर—तरीका ही बदल जाएगा।'
आपको बता दें कि वर्ष 1972 में स्थापित एलएमएल भारत की सबसे लोकप्रिय दोपहिया निर्माता कंपनी है। इसने नए जमाने की टेक्नोलॉजी के साथ बड़ी तेजी से सफलता हासिल कर ली। कंपनी उत्तर प्रदेश के कानपुर में अवस्थित है और अभी एकमात्र मोटराइज्ड दोपहिया वाहन के क्षेत्र में परिचालन कर रही है। कंपनी स्कूटर मोटरसाइकिल और मोपेड के अलावा इनके स्पेयर पार्ट और कल—पुर्जे बनाती है। इससे पहले 1983 में कंपनी ने पियाजियो वेस्पा इटली के तकनीकी सहयोग से 100 सीसी के स्कूटर बनाना शुरू किया था और इसके साथ कई लाइसेंसिंग समझौते किए थे। कंपनी ने 10 लाख के बजट के साथ मोटर बाजार में प्रवेश किया था और इसके बाद कई वर्षों तक लगातार वृद्धि दर्ज की और कई वाहन परियोजनाएं भी शुरू कीं।


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