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अगले वित्त वर्ष के लिए टल सकता है एलआईसी आईपीओ

Teja
2 March 2022 7:58 AM GMT
अगले वित्त वर्ष के लिए टल सकता है एलआईसी आईपीओ
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एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) को रूस-यूक्रेन संकट का खतरा मंडरा रहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) को रूस-यूक्रेन संकट का खतरा मंडरा रहा है. सरकार देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के आरंभिक सावर्जनिक पेशकश (IPO) की टाइमिंग को रिव्यू कर सकती है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में आईपीओ की टाइमिंग में बदलाव के संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन में जारी जंग की वजह से एलआईसी आईपीओ पर एक बार फिर से विचार किया जा सकता है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीतारमण ने बिजनेसलाइन के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि आदर्श रूप से मैं इसके साथ आगे बढ़ना चाहूंगा क्योंकि हमने इसे कुछ समय के लिए विशुद्ध रूप से भारतीय विचारों को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई थी. उन्होंने कहा, लेकिन अगर वैश्विक कारणों से मुझे इसे देखने की जरूरत है, तो मुझे इसे फिर से देखने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
वहीं, आईपीओ पर सलाह देने वाले बैंकरों ने सरकार को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण बाजार में उठापटक के मद्देनजर स्टॉक की पेशकश के लॉन्च को टालने की सलाह दी है. अगर आईपीओ में देरी होती है, तो यह नियोजित पेशकशों की बढ़ती सूची को रोक देगा क्योंकि युद्ध जोखिम भरी संपत्तियों में निवेश को कम कर देता है.
चालू वित्त वर्ष में टल सकता है आईपीओ
अगर सरकार आईपीओ की टाइमिंग पर रिव्यू करती है तो चालू वित्त में एलआईसी आईपीओ आने की संभावना कम है. सरकार का उद्देश्य जिसका उद्देश्य 31 मार्च, 2022 तक वर्ष के लिए बजट घाटे को कम करना है. बता दें कि LIC की तरफ से 13 फरवरी को सेबी के सामने DRHP यानी आईपीओ प्रस्ताव जमा किया गया. सरकार एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. माना जा रहा है कि इसके जरिए सरकार 60-63 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा कर सकती है.
सेबी के सामने जमा दस्तावेज के मुताबिक, एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यु 5.4 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है. यह 30 सितंबर 2021 के मुताबिक है. फिलहाल इसकी मार्केट वैल्यु की जानकारी नहीं दी गई है. बाजार का मानना है कि कि एलआईसी की मार्केट वैल्यु 16 लाख करोड़ रुपए हो सकती है.
एलआईसी में 20 फीसदी एफडीआई की मंजूरी
पिछले हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट ने इस आईपीओ में विदेशी निवेशकों को शामिल करने के एफडीआई पॉलिसी में बदलाव किया है. इस बदलाव के तहत एलआईसी के आईपीओ में 20 फीसदी तक ऑटोमैटिक रूट से विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है. वर्तमान में इंश्योरेंस सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 74 फीसदी FDI को मंजूरी मिली हुई है.


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