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LIC IPO: सरप्लस के बंटवारे में हुआ बदलाव, एलआईसी पॉलिसीधारकों का घट सकता है रिटर्न
Bhumika Sahu
16 Feb 2022 3:26 AM GMT
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अब संशोधन के बाद दो तरह के फंड बनाए गए हैं. एक में पॉलिसीधारक हिस्सा ले रहे हैं. दूसरे फंड में आने वाला सरप्लस पूरी तरह शेयरधारकों यानी भारत सरकार को मिलेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) का आईपीओ अगले महीने आने वाला है. एलआईसी ने आईपीओ (LIC IPO) के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर जमा करा दिया है. सेबी में दाखिल किए जाए ड्राफ्ट पेपर में एलआईसी ने एक अहम जानकारी दी है. ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक, सरप्लस यानी अतिरिक्त रकम के बंटवारे में बदलाव से एलआईसी के पॉलिसीधारकों को भविष्य में कम रिटर्न मिल सकता है. आपको बता दें कि LIC का आईपीओ 31 मार्च तक आने की संभावना है. यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है.
LIC ने कहा कि एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन से पहले कंपनी के पास समेकित 'लाइफ फंड' होता था. लाइफ फंड में जो सरप्लस होता था उसे पॉलिसीधारकों और शेयरधारकों/भारत सरकार के बीच बांटा जाता था.
पॉलिसीधारकों के हिस्से में कम आएगी रकम
अब संशोधन के बाद दो तरह के फंड बनाए गए हैं. एक में पॉलिसीधारक हिस्सा ले रहे हैं. दूसरे फंड में आने वाला सरप्लस पूरी तरह शेयरधारकों यानी भारत सरकार को मिलेगा, लेकिन पहले वाले फंड के हिस्से का बंटवारा अब 90 और 10 के रेश्यो में होगा. इस तरह अब पॉलिसीधारकों के हिस्से में कम रकम आएगी.
विदेशी निवेशकों की भागीदारी के लिए किया रोड शो
एलआईसी ने ग्लोबल निवेशकों को लुभाने के लिए रोड शो शुरू किया. LIC इस औपचारिक रोड शो के जरिए देश के अब तक के सबसे बड़े सार्वजनिक निर्गम में उनकी भागीदारी की मांग कर रहा है.
सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. LIC के आईपीओ के तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो 5 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.
एलआईसी का आईपीओ भारत सरकार का 'ऑफर फॉर सेल' या ओएफएस है. इसमें एलआईसी का कोई शेयर नहीं है क्योंकि कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसदी है. इसके अंतर्गत 632.49 करोड़ शेयर आते हैं. शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपये है.
28 फरवरी तक कर लें ये काम
एलआईसी ने अपने पॉलिसीहोल्डर के लिए आईपीओ में कोटा रिजर्व किया है. लेकिन जरूरी शर्त पैन अपडेट की है. 28 फरवरी तक पैन अपडेट नहीं कर पाए तो आईपीओ के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे. सेबी में ड्राफ्ट पेपर जमा होने के दो हफ्ते के भीतर पैन अपडेट करना जरूरी है.
सेबी में जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोसपेक्टस (DRHP) में इस बात की जानकारी दी गई है. पैन अपडेट के साथ ही पॉलिसीहोल्डर को डीमैट अकाउंट खोलना होगा. अगर पहले से डीमैट अकाउंट है तो नया खोलने की जरूरत नहीं. अगर डीमैट अकाउंट जॉइंट में है तो प्राइमरी मेंबर को आईपीओ में तरजीह दी जाएगी.
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