एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक और यस बैंक सहित उधारदाताओं ने हाल ही में जमा दरों में की वृद्धि
बिज़नेस न्यूज़: आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक और यस बैंक सहित उधारदाताओं ने हाल ही में जमा दरों में वृद्धि की है, और कई अन्य बैंक ऐसा करने की तैयारी में हैं। विशेष त्योहारी मौके पर पेशकश सहित मौजूदा बढ़ोतरी ने कुछ बैंकों की सावधि जमा (FD)पर ब्याज दरें सात फीसदी के पार पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक अपनी कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ाने में तेजी दिखाई है, लेकिन उस अनुपात में उन्होंने जमा दरों में वृद्धि के लिए समान उत्साह नहीं दिखाया है। अब बैंकिंग तंत्र में नकदी में गिरावट ने बैंकों को जमा पर ग्राहकों को लुभाने के लिए मजबूर कर दिया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 23 सितंबर को समाप्त पखवाड़े के लिए गैर-खाद्य ऋण वृद्धि और जमा वृद्धि में करीब साथ फीसदी का अंतर देखा गया। आईडीबीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक जोर्टी चाको ने कहा, हमने हाल के दिनों में कर्ज और जमाराशियों में वृद्धि के बीच सात फीसदी का यह अंतर कभी नहीं देखा है यह संसाधन पक्ष पर दबाव के प्रकार की व्याख्या करता है। चाको ने कहा, बैंकों को अपनी जमा राशि को तेज गति से बढ़ाकर ऋण की इस उच्च मांग को पूरा करने की जरूरत है और इसलिए विशेष श्रेणी में नई जमा अवधि आदि ला रहे हैं।
एफडी पर और ऊंचा ब्याज मिलने की उम्मीद: बैंकिंग तंत्र में नकदी में गिरावट खासकर एफडी के निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है। इसने बैंकों को एफडी पर ब्याज दर बढ़ाने के साथ नई श्रेणी की एफडी की पेशकश करने को मजबूर कर दिया है। आईडीबीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक जोर्टी चाको ने कहा बैंकों की ओर से जमाओं पर यह ब्याज दर का यह युद्ध आगे चलकर और तेज होगा। इसका मतलब है कि आने वाले समय में बैंक एफडी पर ब्याज दरों में और इजाफा कर सकते हैं।
अगस्त-सितंबर में नकदी में भारी गिरावट: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 30 सितंबर को कहा था कि बैंकिंग प्रणाली में अधिशेष तरलता अगस्त से 28 सितंबर तक ₹2.3 लाख करोड़ रही, जो जून और जुलाई के दौरान ₹3.8 लाख करोड़ थी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक 23 सितंबर को समाप्त पखवाड़े के लिए गैर-खाद्य ऋण वृद्धि एक साल पहले की तुलना में लगभग 16.9 फीसदी बढ़ी, जबकि जमा वृद्धि दर घटकर 9.2 रह गई। जमा वृद्धि में वर्ष की शुरुआत से धीरे-धीरे गिरावट आई है।
कर्ज के मुकाबले जमा पर कम ब्याज: बैंकों की जमा की रफ्तार नहीं बढ़ने की वजह बताते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई ने जिस रफ्तार से रेपो दर में वृद्धि की उस अनुपात में बैंकों ने जमा पर ब्याज नहीं बढ़ाया है। हालांकि, कर्ज पर ब्याज में बैंकों ने तेजी से इजाफा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई रेपो दर और इससे जुड़े ऋणों पर ब्याज मई और अगस्त के बीच 1.40 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि सावधि जमा पर इस दौरान औसत महज 0.22 फीसदी की वृद्धि हुई है। आरबीआई ने मई से अक्तूबर के बीच 1.90 फीसदी वृद्धि कर चुका है।