जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनियाभर में कोरोनावायरस का कहर जारी है. भारत में भी कोरोना वायरस ने जमकर उत्पात मचा रखा है. देशभर में कोरोना के लाखों नए मामले सामने आ रहे हैं और सैकड़ों लोगों की मौतें हो रही हैं. इसी बीच कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के चलते सरकारों को एक बार फिर तरह-तरह की पाबंदियां लगानी पड़ रही हैं, जिससे लोगों के काम-धंधे पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. कोरोना काल के दौरान संकट से जूझ रहे MSME सेक्टर यानी छोटे एवं मझोले कारोबारी इकाइयों को बैंकों (Banks) ने खूब लोन बांटे हैं, लेकिन अब इन्हीं सेक्टर के लोन में फ्रॉड (Loan Frauds) का खतरा बढ़ा है. बताया जा रहा है कि बैंकों ने लोन देते समय इनकी सही तरीके से निगरानी नहीं की है. ये खुलासा डेलॉयट इंडिया (Deloitte India) के एक सर्वे में हुआ है. इस सर्वे में कई बैंकों में अनुपालन और जालसाजी जोखिम प्रबंधन के लिए जिम्मेदार 72 सीनियर मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव्स को शामिल किया गया था. इसलिए इस सर्वे को प्रमाणिक माना जा सकता है. इनमें सरकारी, निजी, विदेशी, सहकारी, ग्रामीण सभी तरह के बैंकों के अधिकारी शामिल थे.