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जानें कब दूरसंचार विभाग शुरू करेगा स्पेक्ट्रम की नीलामी, 3.92 लाख करोड़ के रेडियोवेब्स के लिए लगेगी बोली

Gulabi
7 Jan 2021 2:57 AM GMT
जानें कब दूरसंचार विभाग शुरू करेगा स्पेक्ट्रम की नीलामी, 3.92 लाख करोड़ के रेडियोवेब्स के लिए लगेगी बोली
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केंद्रीय मंत्रिमंडल 2,251.25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी पहले ही दे चुका है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum auction) के छठे दौर में 3.92 लाख करोड़ रुपए के रेडियोवेब्स के लिए बोलियां लगाने की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू होंगी. यह पिछली नीलामी के चार साल बाद और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के द्वारा आधार मूल्य की गणना व सुझाव दिए जाने के दो साल बाद हो रही है. केंद्रीय मंत्रिमंडल 2,251.25 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी पहले ही दे चुका है. इनकी कीमत 17 दिसंबर 2020 की आधार दर के हिसाब से 3.92 लाख करोड़ रुपए आंकी गई है.


दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बोली-पूर्व सम्मेलन के लिये 12 जनवरी का समय तय किया है. नोटिस पर किसी भी मुद्दे को लेकर 28 जनवरी तक स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है. नीलामी में भाग लेने के लिये दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को पांच फरवरी तक आवेदन दायर करना होगा.
इतने मेगाहर्ट्ज के लिए लगेगी बोली
नोटिस के अनुसार, बोलीदाताओं की अंतिम सूची की घोषणा 24 फरवरी को होगी. इस दौर में 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज के लिए बोलियां लगानी एक मार्च से शुरू होने वाली हैं. सरकार ने 3300-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड को इस बार की नीलामी से बाहर रखा है. उद्योग जगत इन्हें 5जी के लिये उपयुक्त बताता रहा है. ये बैंड ट्राई के सुझावों में भी शामिल थे. जो बोलीदाता 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के विकल्प को चुनेंगे, उन्हें प्रीमियम श्रेणी के इस स्पेक्ट्रम बैंड को पूरे देश के लिये खरीदने के लिये 32,905 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.

दूरसंचार विभाग ने 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड को सभी 22 दूरसंचार सर्किलों के लिये उपलब्ध कराया है. इनके अलावा 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड 21 सर्किलों, 900 व 2100 मेगाहर्ट्ज 19-19 सर्किलों और 2500 मेगाहर्ट्ज 12 सर्किलों के लिये उपलब्ध हैं.
नियम और शर्तें
एकमुश्त भुगतान करने का विकल्प चुनने वाले सफल बोलीदाता को परिणाम जारी होने के 10 दिन के भीतर कुल भुगतान करना होगा. विलंबित भुगतान का विकल्प चुनने वालों को 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज की स्थिति में कुल भुगतान का 50 प्रतिशत तथा 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज की स्थिति में कुल भुगतान का 25 प्रतिशत 10 दिन के भीतर जमा करना होगा. शेष राशि जमा करने के लिये 16 बराबर किस्तों की सुविधा मिलेगी, जिसमें किस्तों के भुगतान से दो साल की छूट का विकल्प भी शामिल होगा. सफल बोलीदाताओं को बोली राशि के अलावा तीन प्रतिशत समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान भी करना होगा, जिसमें वायरलाइन शुल्क शामिल नहीं होगा.
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि स्पेक्ट्रम की इस नीलामी में 30 हजार से 50 हजार करोड़ रुपये के बीच की बोलियां प्राप्त होने वाली हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां नये स्पेक्ट्रम में दिलचस्पी लेने के बजाय पुराने स्पेक्ट्रम का नवीनीकरण कराने पर ध्यान देंगी. वोडाफोन आइडिया कुछ सर्किलों में अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम के नवीनीकरण के लिये भी बोली लगाने से दूर रह सकती है.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा, उसे नहीं लगता है कि 700 मेगाहर्ट्ज श्रेणी में कोई उल्लेखनीय बोली प्राप्त होने वाली है. एजेंसी का अनुमान है कि बोलियां 55 हजार से 60 हजार करोड़ रुपये के बीच में रहेंगी.


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