जनता से रिश्ता वेबडेसक | आम लोगों को कम कीमत पर आसानी से अनाज (Ration) उपलब्ध कराना राज्य सरकार (State Government) की जिम्मेदारी है. यह बात दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए पिछले दिनों कहा है. हाल ही में दिल्ली के बपरौला फेज-2 में राजीव रत्न आवास योजना के निवासियों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में कहा गया है कि क्योंकि इलाके में केवल 320 राशन कार्ड धारक हैं. इसलिए दिल्ली सरकार इलाके में फेयर प्राइस शॉप (FPS) यानी राशन कार्ड का दुकान नहीं खोला. इलाके में एफपीसी नहीं होने से राशन कार्ड धारकों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. इस याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि क्या कम राशन कार्ड होने के कारण लोगों को कई किलोमीटर दूर राशन लेने भेजना सही है
इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के जज नजमी वजीरी ने कहा है कि इलाके में ही उचित मूल्य की दुकानें खोलना ठीक होगा ताकि गरीबों को लाभ मिल सके. इस पर दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि चूंकि इलाके में केवल 320 राशन कार्ड धारक हैं इसलिए एफपीएस खोलने पर लाइसेंस धारक दुकानदार को फायदा नहीं होगा.
दिल्ली सरकार ने अदालत में तर्क दिया कि एक एफपीएस से एक हजार राशन कार्ड धारकों को फायदा होता है. अनाज बिक्री में मात्र दो रुपये प्रति किलोग्राम के लाभ के लिए 320 लाभार्थियों के लिए इलाके में दुकान खोलना ठीक नहीं है. इस पर अदालत ने कहा है कि एफपीसी दुकानों के आवंटन के लिए दिल्ली सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कुछ विशेष परिस्थितियों में दुकान खोलने की बात है. इसलिए लाभार्थियों की संख्या कम होने की वजह से भी एफपीसी खोला जा सकता है.