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जानिए स्पूफिंग क्या है? इससे बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो

Renuka Sahu
22 Oct 2021 3:37 AM GMT
जानिए स्पूफिंग क्या है? इससे बचने के लिए इन टिप्स को करें फॉलो
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फाइल फोटो 

आज के दौर में ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन की मदद लेते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के दौर में ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए इंटरनेट और स्मार्टफोन की मदद लेते हैं. ऐसे में साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. और साइबर क्राइम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इनसे सावधान रहना बहुत जरूरी है. इनमें से एक तरीका फिशिंग का है. आइए जानते हैं कि स्पूफिंग (spoofing) क्या है और इससे बचने के लिए किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है.

स्पूफिंग (spoofing) क्या है?
वेबसाइट स्पूफिंग में एक वेबसाइट बनाई जाती है. जो कि नकली होती है. इसका मसद व्यक्ति के साथ फ्रॉड करना होता है. फर्जी वेबसाइट असली की तरह दिखाने के लिए, साइबर अपराधी सही वेबसाइट के नाम, लोगो, ग्राफिक्स और कोड का भी इस्तेमाल कर लेते हैं. वे आपकी ब्राउजर विंडो के टॉप पर एड्रेस फील्ड में दिखने वाले यूआरएल को भी कॉपी कर सकते हैं. इसके साथ सबसे दायीं तरफ दिए गए पैडलॉक आइकन को भी वे कॉपी कर लेते हैं.
साइबर अपराधी कैसे ये काम करते हैं?
अपराधी फज्ञजी वेबसाइट पर ईमेल भेजते हैं, जिसमें आपसे अकाउंट से संबंधित जानकारी को अपडेट या कन्फर्म करने के लिए कहा जाता है. ऐसा अकाउंट से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को हासिल करने के इरादे से किया जाता है. इन डिटेल्स में आपकी इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी, पासवर्ड, पिन, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (सीवीवी) नंबर शामिल हैं.
स्पूफिंग से बचने के लिए सेफ्टी टिप्स
इस बात का ध्यान रखें कि बैंक कभी भी किसी गोपनीय जानकारी को पूछने के लिए ईमेल नहीं भेजता है. अगर आपको आपकी इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी डिटेल्स जैसे पिन, पासवर्ड या अकाउंट नंबर को पूछने के लिए ईमेल आता है, तो आपको उसका जवाब नहीं देना चाहिए.
पेडलोक आइकन को चेक करें. ब्राउजर के विन्डो में कहीं भी वे पैडलॉक आइकन दिखाते हैं. उदाहरण के लिए माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सपलोरर में ब्राउजर विन्डो के दाएं ओर सबसे नीचे लॉक आइकन दिखता है. साइट की सिक्योरिटी से जुड़ी डिटेल्स को चेक करने के लिए उस पर डबल क्लिक करें.
वेबपेज के URL को चेक करें. वेब में ब्राउज करते समय, URLs "http" के साथ शुरू होते हैं. हालांकि, सिक्योर कनेक्शन में एड्रेस https के साथ शुरू होते हैं. https का मतलब होता है कि पेज सुरक्षित है. यहां यूजर के नाम और पासवर्ड को डालने पर उसे सर्वर को भेजने से पहले इनक्रिप्ट किया जाएगा.


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