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जानिए क्या है बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस, 1 सितंबर से बदलेंगे कार इश्योरेंस से जुड़े ये नियम

Gulabi
26 Aug 2021 3:21 PM GMT
जानिए क्या है बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस, 1 सितंबर से बदलेंगे कार इश्योरेंस से जुड़े ये नियम
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मद्रास हाईकोर्ट ने कार इंश्योरेंस को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है

Bumper-to-Bumper insurance: मद्रास हाईकोर्ट ने कार इंश्योरेंस को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 1 सितंबर से नए वाहनों के लिए 'बंपर-टू-बंपर' इंश्योरेंस कराना जरूरी किया जाना चाहिए. यह इंश्योरेंस वर्तमान कार इंश्योरेंस से अलग होगा. वर्तमान में कार खरीदने पर पांच सालों के लिए ड्राइवर, पैसेंजर और कार मालिक इंश्योर्ड रहता है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि "bumper-to-bumper" इंश्योरेंस कम से कम पांच सालों के लिए जरूरी है. 1 सितंबर के बाद जब कोई कार बेची जाएगी तो यह इश्योरेंस पॉलिसी अलग से जरूरी है. इसके तहत ड्राइवर, पैसेंजर और कार ओनर का कवरेज अलग से होगा. 'बंपर-टू-बंपर' इंश्योरेंस में वाहन के फाइबर, धातु और रबड़ के हिस्सों सहित 100 फीसदी कवरेज मिलता है. न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने हाल के एक आदेश में कहा कि इस अवधि के बाद वाहन के मालिक को चालक, यात्रियों, तीसरे पक्ष और खुद के हितों की रक्षा करने के लिए सतर्क रहना चाहिए, ताकि उस पर कोई अनावश्यक उत्तरदायित्व न आए.
न्यू इंडिया एश्योरेंस की याचिका पर सुनवाई
मद्रास हाईकोर्ट न्यू इंडिया एश्योरेंस की तरफ से एक मामले में रिट पिटीशन पर सुनवाई कर रहा था. इंश्योरेंस कंपनी ने 7 दिसंबर 2019 को इरोड स्पेशल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट (मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल) के फैसले को चुनौती दी थी. अपनी याचिका में न्यू इंडिया एश्योरेंस की तरफ से कहा गया कि कंपनी केवल थर्ड पार्टी की तरफ से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार है. अगर कार चालक की तरफ से एक्सिडेंट होता है तो कंपनी इस नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है.
कार खरीदने के दौरान इंश्योरेंस लेकर हो पूरी जानकारी
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाने से पहले कहा कि जब कोई कार खरीदता है तो उसे इंश्योरेंस को लेकर ना तो पूरी जानकारी शेयर की जाती है और ना ही ग्राहकों की इसमें दिलचस्पी होती है. यह दुखद है कि एक बायर कार खरीदने के लिए मोटी रकम देने को तैयार होता है, लेकिन इंश्योरेंस खरीदने के दौरान थोड़े से पैसे के लिए वह हिचकिचाता है.
मुख्य रूप से दो तरह का होता है इंश्योरेंस
अपने देश में मुख्य रूप से दो तरह का कार इंश्योरेंस होता है. जब आप कार खरीदने जाते हैं तो इसके बारे में जानकारी दी जाती है. पहला थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) और दूसरा कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) होता है. नियम के मुताबिक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस हर हाल में लेना होगा, जबकि कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना और नहीं लेना कस्टमर पर निर्भर करता है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत अगर आपकी गाड़ी से किसी और की गाड़ी को नुकसान पहुंचता है तो इंश्योरेंस कंपनी दूसरी गाड़ी और चालक को हुए नुकसान की भरपाई करेगी. इसमें खुद की गाड़ी को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं होती है. कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस में अपनी और दूसरी गाड़ी, दोनों के नुकसान की भरपाई होती है. इसके अलावा भी कई तरह के इंश्योरेंस होते हैं जो अलग-अलग तरह का कवरेज देते हैं.
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