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जानिए बाय नाउ पे लेटर की खासियत और पेमेंट का तरीका

Gulabi
20 Dec 2021 12:19 PM GMT
जानिए बाय नाउ पे लेटर की खासियत और पेमेंट का तरीका
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भारत में बाय नाऊ पे लेटर बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है
Buy Now Pay Later: भारत में बाय नाऊ पे लेटर (Buy Now Pay Later) बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहा है. मार्केट एक्स्पर्ट्स का कहना है कि इसके अगले चार सालों में ये इंडस्ट्री दस गुना ज्यादा बढ़ जाएगा. शॉपिंग के शौकीन लोग तेजी से इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं. मन जा रहा है कि भारत का BNPL बाजार 2026 तक बढ़कर 45-50 अरब डॉलर हो जाएगा, जो अभी 3-3.5 अरब डॉलर पर है.
दरअसल 'बाय नाउ पे लेटर' के तहत कंपनियां खरीदारी के लिए कर्ज देती हैं. ये ऑप्शन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है और उन्हें अचानक कोई वस्तु खरीदनी है. आइए जानते हैं क्या है इसके पेमेंट का तरीका.
'बाय नाउ पे लेटर' की खासियत
- अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो भी आप खरीदारी कर सकते हैं.
- ई-कॉमर्स कंपनियों पर खरीदारी के लिए 'बाय नाउ पे लेटर' का विकल्प बेहतर है.
- यह छोटी अवधि का कर्ज है.
- क्रेडिट कार्ड का विकल्प, क्रेडिट कार्ड के मुकाबले सस्ता लोन देता है.
- कुल खरीद राशि का एक छोटा सा डाउन पेमेंट देना होता है.
- छोटी अवधि में इसमें चार्ज नहीं नहीं लगता है, एक ड्यू डेट के बाद ही ब्याज देना होता है.
- BPNL कम लागत और अधिक सुविधाजनक है.
- इसमें आप एकमुश्त राशि या EMI में पेमेंट कर सकते है
- खरीदारी की तारीख से अगले 14 से 20 दिनों में भुगतान कर सकते हैं.
- समय पर भुगतान नहीं करने पर 24% तक ब्याज देय होगा.
- EMI के विकल्प में मर्चेंट के ब्याज देने पर ग्राहक पर भार नहीं पड़ता है.
12. ई-कॉमर्स कंपनियों ने फिनटेक कंपनियों से करार किया है.
'बाय नाउ पे लेटर' है बेहतर विकल्प
- बैंक, 20 से ज्यादा फिनटेक कंपनियां यह सुविधा दे रही है.
- 2025 तक BNPL मार्केट 7.41 लाख करोड़ का होगा.
- ई -कॉमर्स में मार्कट शेयर 3% से 2024 तक 9% तक होगा.
- फूड,ट्रेवल, किराना और अन्य प्लेटफार्मों पर भी यह विकल्प पॉपुलर होगा.
- क्रेडिट कार्ड के विकल्प के रूप में 'बाय नाउ पे लेटर' एक बेहतर विकल्प है.
जानें ब्याज संबंधी डिटेल्स
क्रेडिट कार्ड BNPL
बिना ब्याज अवधि 45 दिन 15-20 दिन
लेट पेमेंट पर ब्याज 40-48% 20-30%
लिमिट कोई लिमिट नहीं 2 हजार से 1 लाख अधिकतम
इश्यू प्रकिया क्रेडिट स्कोर, आय प्रूफ क्रेडिट स्कोर, आय प्रूफ जरूरी नहीं
स्वीकार्यता सभी जगह स्वीकार्य चुनिंदा करार पर ही स्वीकार्य
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