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पेट्रोल-डीजल पर बहुत जल्द अच्छी खबर मिल सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है
पेट्रोल-डीजल पर बहुत जल्द अच्छी खबर मिल सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह GST काउंसिल की अगली मीटिंग में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए बातचीत को तैयार हैं. ऐसा हुआ तो पूरे देश को जल्द महंगाई से बड़ी राहत मिल सकती है क्योंकि इस समय कई शहरों में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए से पार पहुंच गई हैं.
देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच बीते कुछ महीनों से लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द टैक्स कम किया जाए, जिससे कि पेट्रोल की कीमतों पर नियंत्रण लग सके. दूसरी ओर, कई लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि पेट्रोल की कीमतों को जीएसटी के अंडर लाया जाए. जीएसटी के दायरे में लाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी हद तक कम हो जाएगी.
आइए जानते हैं, जीएसटी के दायरे में आने पर आखिर कैसे पेट्रोल की कीमत कम हो जाएगी और यह कितनी कम हो जाएगी…
जीएसटी का मैक्सिमम स्लैब 28 फीसदी
तेल कंपनियां हर रोज पेट्रोल-डीजल की कीमतें जारी करती हैं. अभी अलग अलग तरह के टैक्स तेल पर लग रहे हैं, लेकिन जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्र्रोल पर सिर्फ जीएसटी लगेगा, जो किसी ना किसी एक जीएसटी स्लैब में होगा. अभी सबसे ज्यादा जीएसटी स्लैब 28 फीसदी का है यानी जीएसटी में पेट्रोल की एंट्री होने के बाद ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी तक का टैक्स लगाया जा सकता है.
अभी कौन-कौन से टैक्स लगाए जाते हैं?
पेट्रोल के बेस प्राइज में कई तरह के टैक्स या ड्यूटी वगैरह जोड़ी जाती है, जिसकी वजह से पेट्रोल के दाम काफी बढ़ जाते हैं. पेट्रोल में बेस प्राइज पर एक तो टैक्स लगा होता है. उसके अलावा अलग से ड्यूटी ली जाती है यानी किसी सामान को बॉर्डर पार करवाने पर लगने वाला टैक्स. इसके साथ ही इसमें सेस भी लगाया जाता है, जो देश में कुछ विशेष कार्यों के लिए होता है और कहा जाता है कि इस पैसे को स्पेशल डेवलपेंट में लगाया जाता है.
इसके अलावा इसमें पेट्रोल पंप या डीलर आदि का मुनाफा भी जोड़ा जाता है, जिसके बाद पेट्रोल की कीमत काफी ज्यादा हो जाती है. साथ ही इनमें लॉकल बॉडी टैक्स, एंट्री टैक्स, एसएससी वगैहरा भी लगता है, इससे पेट्रोल की कीमत बढ़ती जाती है.
अभी कितना लगता है टैक्स?
अगर दिल्ली के उदाहरण से समझें तो अभी दिल्ली में पेट्रोल का रेट 91.17 रुपये है. इसमें बेस पेट्रोल की बेस प्राइज सिर्फ 33.26 रुपये है, जिसमें 0.28 रुपये फ्रेट चार्ज लग जाता है. इसमें डीलर्स से एक्साइज ड्यूटी और वैट के अलावा 33.54 रुपये लिया जाता है. फिर इसमें एक्साइज ड्यूटी 32.90 रुपये लगता है. इसके बाद डीलर कमीशन 3.69 रुपये होता है और एक्सट्रा वैट 21.04 रुपये लगता है. ऐसे में पेट्रोल की कीमत 91.17 रुपये हो जाती है.
जीएसटी के बाद कितनी हो जाएगी कीमत?
अगर जीएसटी की बात करें तो इसमें कई स्लैब हैं, जिनके आधार पर टैक्स वसूला जाता है. अगर पेट्रोल की कीमतों पर सबसे बड़ा स्लैब यानी 28 फीसदी वाला स्लैब भी लगाया जाए तो पेट्रोल की कीमतें अभी से काफी हद तक कम हो जाएगी. जी हां. ऐसे में टैक्स देने के बाद भी आपको पेट्रोल की कीमत काफी कम चुकानी पड़ेगी.
एक्सपर्ट बताते हैं कि 'अगर पेट्रोल की कीमत जीएसटी में आती है तो एक्साइज ड्यूटी और वैट हट जाएगी. इस पर सरकार ज्यादा से ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी लगा सकती है. साथ ही राज्य सरकार वैट नहीं लगा पाएगी और रेवेन्यु बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कोई टैक्स लगाती है तो वो सेस के रुप में लगा सकती है, जो भी बहुत ज्यादा नहीं होगा.'
अगर सिर्फ दिल्ली की बात करें तो अभी डीलर बेस प्राइज 33.54 रुपये हैं. जिस पर अधिकतम स्लैब के साथ 28 फीसदी टैक्स वसूला जाए तो 9.3912 रुपये टैक्स होता है. वहीं, डीलर कमीशन करीब 3 रुपये जोड़ दें तो ऐसे में आपको महज 45.93 रुपये लीटर पेट्रोल मिलेगा. अभी के हिसाब से पेट्रोल करीब 45 रुपये ज्यादा है. साथ ही अगर इसमें कोई सेस भी जोड़े जाते हैं तो भी पेट्रोल की कीमत काफी कम हो जाएगी.
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