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जब कभी हम किसी एसयूवी को खरीदने जाते हैं या उसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं तो हम सबसे पहले 4WD और AWD के बारे में सुनते हैं। इ
जब कभी हम किसी एसयूवी को खरीदने जाते हैं या उसके बारे में जानने की कोशिश करते हैं तो हम सबसे पहले 4WD और AWD के बारे में सुनते हैं। इन दोनों ही सिस्टम का किसी भी एसयूवी कार में बहुत महत्वपूर्ण रोल होता है। 4×4 वाहन में लो-रेशियो गियरबॉक्स, डिफ्रेंशियल लॉक्स और ऐसे कई फीचर्स होते हैं जो वाहन को ऑफ रोड के दौरान ज्यादा पावर और कंट्रोल देने में मदद करते हैं, तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें...
फीचर्स में क्या है अंतर?
ये माना जाता था कि केवल डीजल कारों के लिए ही 4 व्हील-ड्राइव (4×4) सिस्टम बेहतर रहता है, लेकिन बाजार में आपको कई ऐसी पेट्रोल कारें देखने को मिल जाएंगी, जिनमें 4×4 सिस्टम दिया गया है। इसमें Maruti Suzuki Gypsy और Honda CR-V जैसी दो सबसे लोकप्रिय SUV शामिल हैं। इन दोनों ही डीजल मॉडल में 4×4 सिस्टम दिया गया है। लोगों को लगता है कि ऑल-व्हील-ड्राइव और 4-व्हील-ड्राइव दोनों एक ही हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। ऑल-व्हील-ड्राइव और 4-व्हील-ड्राइव में पावर चारों पहियों में जाता है, लेकिन 4×4 वाहन में लो-रेशियो गियरबॉक्स, डिफ्रेंशियल लॉक्स और ऐसे कई फीचर्स होते हैं, जो वाहन को ऑफ रोड के दौरान ज्यादा पावर और कंट्रोल देने में मदद करते हैं, जबकि ऑल-व्हील-ड्राइव में ये सारे फीचर्स नहीं मिलते हैं।
कीमत में अंतर
4×4 ड्राइवट्रेंस के मुकाबले 4×2 ज्यादा कॉम्प्लेक्स होता है। इसका सीधा असर इसकी कीमत पर पड़ता है। 4×4 में कार चारों पहियों को अलग-अलग पावर देती है। वहीं, 4×4 में केवल 2 पहियों को ही पावर मिलती है। यानी 4×4 में ज्यादा मेकेनिकल काम होता है, जिससे यह ज्यादा महंगी होती है।
दोनों के मेंटेनेंस कॉस्ट में अंतर
4×2 के मुकाबले 4 व्हील-ड्राइव सिस्टम (4×4) से लैस कारों की मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा आती है। दरअसल, 4×2 के मुकाबले 4×4 सिस्टम वाली कार में पुरजों का ज्यादा इस्तेमाल होता है, इससे पुरजों पर ज्यादा भार आता है। इसलिए उसका मेंटेनेंस कॉस्ट ज्यादा होता है।
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