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जानिए यह भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में कैसे मदद करेगा

Teja
6 Jun 2023 5:58 AM GMT
जानिए यह भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में कैसे मदद करेगा
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स्वच्छ : स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में तेजी से बदलाव लाने के लिए सौर ऊर्जा में निवेश करना सबसे अच्छे समाधानों में से एक हो सकता है। यह आर्थिक और पर्यावरण दोनों ही नजरिए से बेहतर है। जहां एक तरफ सौर ऊर्जा एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने में मदद करेगा, वहीं दूसरी तरफ यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा, रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। दरअसल भारत ने 2030 तक 500 GW स्वच्छ ऊर्जा स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। अगले पांच सालों में 250 GW अक्षय ऊर्जा जोड़ने की सरकार की योजना इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। लेकिन ये इतना आसान नहीं है। इसके लिए, इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित करने की जरूरत है। साथ ही घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देते हुए आयात पर देश की निर्भरता को कम करना होगा। सौर ऊर्जा में सूरज से मिलनी वाली ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रचुर और नवीकरणीय संसाधन है। सौर बुनियादी ढांचे में निवेश सीमित जीवाश्म ईंधन संसाधनों को कम किए बिना या जलवायु परिवर्तन में योगदान देने वाली ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन किए बिना बिजली पैदा कर सकता है। यह जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से जुड़े हानिकारक पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने में मदद करेगा। सौर ऊर्जा प्रणालियां की खासियत कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी हानिकारक ग्रीन हाउस गैसों को छोड़े बिना बिजली का उत्पादन करना है।

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