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सरकार की NPS स्कीम के बारे में जानिए

Bhumika Sahu
9 Dec 2021 6:32 AM GMT
सरकार की NPS स्कीम के बारे में जानिए
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NPS रिटर्न में कमजोर नहीं रही अब, मगर लोकप्रिय क्यों नहीं! चुनें या नहीं ? NPS आपके सवालों के जवाब यहां हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेशनल पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस (NPS-National Pension Scheme) को शुरुआत से ही भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब स्थिति बदल रही है क्योंकि इस स्कीम के रिटर्न अब सुधर रहे हैं. एनपीएस में निवेश के इक्विटी, सरकारी प्रतिभूति (Government Bonds) और कॉर्पोरेट बॉन्ड (Corporate Bonds) सहित तीन विकल्प हैं. पिछले 12 साल के दौरान इक्विटी योजनाओं (Equity Schemes) के तहत निवेशकों को 12 फीसदी से अधिक तक का रिटर्न मिला है. इस दरम्यान सरकारी बॉन्ड ने 9.9 फीसदी और कारपोरेट बांड ने 9.59 फीसदी रिटर्न दिया है. लंबी अवधि में रिटर्न को काफी बेहतर माना जा सकता है.

पेंशन नियामक को शायद यह बात अब समझ में आई गई है. पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंधोपाध्याय ने संकेत दिए हैं कि एन्युटी से अलावा कुछ ऐसे उत्पादों पर विचार किया जा सकता है जो पीएफआरडीए एक्ट में बदलाव के बिना जारी किए जा सकें. इनमें कुछ उत्पाद महंगाई दर से जुड़ हो सकते हैं. यानी महंगाई बढ़ेगी तो रिटर्न भी सुधरेगा.
NPS Scheme से जुड़ी जानकारियां
अगर बैंकों की एफडी से तुलना करें तो विभिन्न अवधि की योजनाओं में सालाना छह से सात फीसद का रिटर्न मिल रहा है. जो लोग आयकर के ऊपरी स्लैब में आते हैं उनका शुद्ध रिटर्न घटकर करीब चार फीसद ही रह जाता है. जो महंगाई को मात देने में कारगर नहीं है.
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय का कहना है कि एनपीएस ने पिछले 12 साल के दौरान इक्विटी से जुड़े विकल्प में 12 फीसद से अधिक का रिटर्न दिया है। किसी भी व्यक्ति या अंशधारक को इस उत्पाद से अधिकतम लाभ हासिल करने के लिए इसमें निवेश जल्द शुरू करना चाहिए.
निवेश के लिए वही उत्पाद बेहतर माने जाते हैं जिनमें महंगाई को मात देने की क्षमता हो. इस कसौटी पर एनपीएस खरी उतर रही है। मौजूदा रिटर्न से तुलना करें तो यह महंगाई दर की तुलना में दोगुना तक है.
टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि रिटायरमेंट के बाद खुशहाल जीवन गुजारने के लिए एनपीएस में निवेश अच्छा विकल्प है. अपने पोर्टफोलियो में एनपीएस को जरूर शामिल करना चाहिए.
टैक्स के नजरिए से देखें तो इस योजना में दोहरा लाभ मिल रहा है। इस योजना में 50,000 रुपए के निवेश पर आयकर में विशेष कटौती की सुविधा है. इस तरह ऊपरी स्लैब वाले व्यक्ति हर साल करीब 17,000 रुपए तक की बचत कर सकते हैं.
एनपीएस में इतनी खूबियां हैं तो फिर यह लोकप्रिय क्यों नहीं हो पा रही, विभिन्न राज्यों के सरकारी कर्मचारी इससे क्यों छुटकारा पाना चाह रहे हैं, इस बारे में बलवंत जैन कहते हैं एनपीएस में निवेशक को 60 साल की आयु तक निवेश करना होता है. इसके बाद 60 फीसद रकम तो हाथ में मिल जाती है लेकिन 40 फीसद राशि से बीमा कंपनी से पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने की बाध्यता है.
इस योजना की यही सबसे बड़ी खामी है. जब सरकार निवेशकों को पीपीएफ और ईपीएफ में रिटायरमेंट के बाद पूरा पैसा निकालने की छूट दे रही तो फिर एनपीएस में ऐसा क्यों नहीं ? दरअसल, एन्युटी योजनाओं में सालाना 5 से 6 फीसद से ज्यादा का रिटर्न नहीं मिल पाता. इसीलिए लोग इस योजना में निवेश से बचते हैं.
मनी9 की सलाह-निवेश के लिए एनपीएस एक अच्छी योजना है. इसमें महज1000 रुपए से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. इसमें जब चाहें निवेश बढ़ा सकते हैं. अगर आप निजी क्षेत्र में जॉब करते हैं तो इस योजना में जरूर शामिल होना चाहिए.


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