x
Cryptocurrency के प्रति क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके साथ-साथ कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिसको लेकर निवेशकों और आम लोगों के बीच हमेशा कंफ्यूजन रहता है. आइए जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के प्रति क्या-क्या मिथक हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Cryptocurrency का प्रचलन पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है. पूरी दुनिया में 5000 से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी है. अपने देश में तो क्रिप्टोकरेंसी के प्रति दिवानगी कुछ ज्यादा ही है. इसमें निवेशकों की दिलचस्पी इसलिए काफी ज्यादा है क्योंकि रिटर्न उम्मीद से बेहतर मिल रहा है. एक तरफ इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है तो दूसरी तरफ इसको लेकर कई तरह के मिथक भी हैं जो इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है. आइए इससे जुड़ी पांच प्रमुख मिथक के बारे में जानते हैं.
रिजर्व बैंक ने जब भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर बैन लगाया था, तब उसका कहना था कि इससे मनी लॉन्ड्रिंग और टेररिज्म को बढ़ावा मिलेगा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि रेग्युलेटर के अभाव में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऐसी आशंकाओं से दरकिनार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, यह मान लेना कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केवल गलत कामों के लिए किया जाता है, यह गलत है. सीएनबीसी टीवी18 में Chainalysis की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में केवल 10 बिलियन डॉलर का क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन गलत कामों में किया गया था. यह टोटल ट्रांजैक्शन का महज 1 फीसदी है. 2019 में यह ट्रांजैक्शन 20 बिलियन डॉलर था जो टोटल ट्रांजैक्शन का 2 फीसदी था.
सरकार के लिए पूरी तरह बैन करना अब मुश्किल
एक और मिथक यह भी है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी. जानकारों का कहना है कि अब सरकार के लिए प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को पूर तरह बैन करना संभव नहीं है. ऐसे में सरकार नियम कठोर कर सकती है और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन से कह सकती है कि वे इसमें डील नहीं करें. एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार एक ड्रॉफ्ट बिल तैयार कर रही है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा तय की जाएगी. इस बिल के हिसाब से जो क्रिप्टोकरेंसी उपयुक्त होंगी, उसमें ट्रेडिंग की भी अनुमति होगी.
NFT है टेक्नोलॉजी का भविष्य
एक और मिथक यह भी है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का क्रिप्टोकरेंसी के अलावा कोई अन्य इस्तेमाल नहीं होता है. ब्लॉकचेन एक शानदार टेक्नोलॉजी है और इसकी मदद से काम आसान हो गए हैं. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल NFT यानी नॉन फंजिबल टोकन को डेवलप करने के लिए किया जाता है. NFT को आने वाले दिनों के लिए बड़ी क्रांति माना जाता है.
माइनिंग में अब कम खपत होती है एनर्जी
एलन मस्क ने पिछले दिनों कहा था कि बिटक्वॉइन की माइनिंग में बहुत ज्यादा एनर्जी का इस्तेमाल होता है. यह पर्यावरण के लिए सही नहीं है, इसलिए टेस्ला बिटक्वॉइन में पेमेंट नहीं लेगी. यह गलत नहीं है, लेकिन सच्चाई इससे इतर भी है. क्रिप्टोकरेंसी के प्रति बढ़ते क्रेज को देखते हुए डेवलपर्स ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित कर चुके हैं जिसकी मदद से क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में बहुत कम एनर्जी कंज्यूम होती है. क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के लिए डेवलपर्स बहुत तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी की तरफ मूव कर रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी में डील करना बेहद आसान है
क्रिप्टोकरेंसी के नए निवेशकों को लगता है कि इसमें डील करना मुश्किल होता है जो मिथक के अलावा कुछ नहीं है. अगर आप भी इसमें निवेश करना चाहते हैं को दर्जनों प्लैटफॉर्म हैं जो ट्रेडिंग और निवेश की सुविधा दे रहे हैं. डिजिटल करेंसी की टेक्नोलॉजी भले ही जटिल हो, लेकिन इसमें निवेश करना या ट्रेडिंग करना बेहद आसान हो गया है. यह काम अपने मोबाइल फोन से आसानी से किया जा सकता है.a
Next Story