भारत में इन दिनों स्मार्टफोन में आमतौर पर 3300 से लेकर 7000mAh तक की बैटरी दी जा रही है। स्मार्टफोन कंपनियों की तरफ से ऐसा दावा किया जाता कि 7000mAh की बैटरी में लंबी बैटरी लाइफ मिलती है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि iPhone में 3,300mAh की ही बैटरी दी जाती है। फिर कैसे iphone की बैटरी 7000mAh वाले स्मार्टफोन को एंड्राइड स्मार्टफोन के परफॉर्मेंस को टक्कर देती है। दरअसल जैसा माहौल बनाया जाता है कि ज्यादा बड़ी बैटरी मतलब ज्यादा लंबी बैटरी. लेकिन ऐसा सच नहीं है। स्मार्टफोन की लंबी बैटरी लाइफ कई चीजों पर निर्भर करती है
डिस्प्ले
बैटरी लाइफ के मामले में स्मार्टफोन अहम रोल अदा करती है। एंड्राइड स्मार्टफोन में कई तरह के डिस्प्ले मिलते हैं जैसे IPS, LCD, सुपर, OLEd दिए जाते हैं। लेकिन सैमसंग जैसी कंपनियां डिस्प्ले को इंप्रूवेड करके अपने नाम से पेश करती हैं। इसी तरह का एक डिस्प्ले एमोलेड डिस्प्ले है। इसी तरह Apple iPhone में रेटीना डिस्प्ले दिया जाता है, तो कम बैटरी की खपत करता है। एक इंच में जितने ज्यादा पिक्सल होते हैं, उस डिस्प्ले को ज्यादा बेहतर माना जाता है। ऐसे में हमेशा कम बैटरी खपत करने वाला डिस्प्ले फोन लेना चाहिए।
ऑप्टिमाइज्ड सॉफ्टवेयर
स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ आपके सॉफ्टवेयर पर भी निर्भर करती है। मौजूदा वक्त में ऑप्टिमाइज्ड सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जो स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ को बढ़ाने का काम करती हैं। सॉफ्टवेयर की मदद से ज्यादा बैटरी खपत करने वाली ऐप्स को पहचान कर उसे हटाया भी जा सकता है। साथ ही कई सॉफ्टवेयर में डॉर्क मोड, नाइट मोड जैसे फीचर दिए जाते हैं। जो बैटरी लाइफ को इंप्रूव करने का काम करते हैं. साथ ही ब्राइटनेस के कंट्रोल रखकर बैटरी लाइफ बढ़ाते हैं
प्रोसेसर
स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ प्रोसेसर पर भी निर्भर करती है। मौजूदा वक्त में खासतौर पर फ्लैगशिप स्मार्टफोन के प्रोसेसर को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है, जिससे वो कम बैटरी की खपत करें। गेमिंग के दौरान प्रोसेसर ज्यादा काम करता है। ऐसे में गेमिंग बेस्ड स्मार्टफोन में जल्दी बैटरी खत्म हो जाता है। ऐसे में स्मार्टफोन कंपनियां गेमिंग बेस्ड फोन में अलग प्रोसेसर का इस्तेमाल करती हैं।