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Cryptocurrency को लेकर कितना भी रिसर्च कर लें, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही रिस्की है. ऐसे में निवेशकों को डिजिटल करेंसी में उतना ही निवेश करना चाहिए, जितना वह खोने को तैयार है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर निवेशकों में, खासकर युवा निवेशकों में क्रेज काफी बढ़ा है. जैसे-जैसे इसकी स्वीकार्यता बढ़ रही है, क्रिप्टो स्कैम (Crypto Scam) भी बढ़ रहे हैं. अभी तक अपने देश में इसे रेग्युलेट नहीं किया गया है. ऐसे में किसी भी डिजिटल असेट (Digital Currency) को लेकर किए जा रहे विज्ञापन पर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए. एडवर्टाइजिंग काउंसिल ASCI ने इस संबंध में एक गाइडलाइन भी जारी है. गाइडलाइन के मुताबिक, 1 अप्रैल 2022 से क्रिप्टो और दूसरे डिजिटल असेट्स के विज्ञापनों के लिए डिस्क्लेमर डालना जरूरी है. डिस्क्लेमर में लिखा होगा कि डिजिटल करेंसी अभी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है और इसमें निवेश करना खतरनाक है.
bitsCrunch के फाउंडर और सीईओ विजय प्रवीण का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर रिटर्न ज्यादा मिलने के कारण स्कैम भी बढ़ गए हैं. ऐसे में निवेशकों को बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. अपने देश में क्रप्टोकरेंसी के 10 करोड़ से ज्यादा निवेशक हैं. रिसर्च और जागरूकता के अभाव में ये निवेशक भ्रामक विज्ञापन के शिकार बन जाते हैं और मेहनत की जमा-पूंजी गंवा देते हैं. उन्होंने डिजिटल असेट के निवेशकों के लिए पांच खास टिप्स दिए हैं.
क्रिप्टोकरेंसी बहुत रिस्की इन्वेस्टमेंट है. इसमें निवेश करने से पहले अच्छे से रिसर्च करना जरूरी है. क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में अच्छी जानकारी हासिल करने के बाद ही इसमें निवेश का फैसला लें. रिसर्च के दौरान आपको तमाम जानकारी हासिल होगी. आपको यह भी पता चलेगा कि इसमें कब निवेश करना चाहिए. किन फैक्टर्स का असर इसकी कीमत पर होता है.
रिसर्च के दौरान अपने लिए कुछ क्रिप्टोकरेंसी का सलेक्शन करें. निवेश के लिहाज से ज्यादा संख्या में डिजिटल करेंसी का चुनाव नहीं करें. करेंसी का चुनाव करने के बाद उसके बारे में सभी जानकारी हासिल करे. क्रिप्टो एक्सचेंज के बार में भी जानकारी हासिल करना जरूरी है. ब्लूचिप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर रिस्क कम होगा, साथ ही पॉप्युलर क्रिप्टो एक्सचेंज की मदद से निवेश करने पर स्कैम से बचने की संभावना बढ़ जाती है.
क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो एक्सचेंज का संचालन किसके द्वारा किया जा रहा है यह जानकारी भी जरूरी है. डिजिटल असेट का संचालन कौन टीम कर रही है, उसके बारे में जानकारी हासिल करें. ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन के जरिए उसकी वास्तविकता और विश्वसनीयता के बारे में भी जानकारी हासिल करें.
क्रिप्टो निवेशकों के लिए Tokenomics का ज्ञान बहुत जरूरी है. क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह पॉप्युलर टर्म है. आसान भाषा में इसे क्रिप्टो इकोनॉमिक्स कह सकते हैं. टोकोनॉमिक्स की मदद से आप क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड और सप्लाई का मैकेनिज्म बेहतर समझ सकते हैं. इसमें क्वॉलिटी, प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन भी शामिल होता है. किसी भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले यह समझें कि डिमांड और सप्लाई का खेल किस तरह चल रहा है. उदाहरण के तौर पर बिटक्वॉइन का 21 मिलियन टोकन क्वॉइन ही है. अब तक 90 फीसदी टोकन माइन किया जा चुका है. माना जा रहा है कि 2140 के बाद बिटक्वॉइन की सप्लाई बंद हो जाएगी.
विजय प्रवीण का ये भी कहना है कि इतना सबकुछ करने के बावजूद, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही रिस्की है. ऐसे में निवेशकों को डिजिटल करेंसी में उतना ही निवेश करना चाहिए, जितना वह खोने को तैयार है. आपके पोर्टफोलियो में इसका वेटेज ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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