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व्यक्ति को होम लोन को मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने चाहिए. आइए ऐसी चार बातों को जानते हैं, जिन पर व्यक्ति को होम लोन लेने से पहले काम करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। होम लोन किसी व्यक्ति के लिए बड़ा कर्ज होता है, जो 15 साल या उससे ज्यादा की अवधि के साथ आता है. इसलिए, जो लोग होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें लंबी अवधि की वित्तीय जिम्मेदारी के लिए तैयार हो जाना चाहिए. इस बात को देखते हुए कि बैंक भी कर्ज लेने वाले की क्रेडिट स्थिति को देखते हैं, इसलिए व्यक्ति को होम लोन को मंजूरी मिलने की उम्मीद बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने चाहिए.
आइए ऐसी चार बातों को जानते हैं, जिन पर व्यक्ति को होम लोन लेने से पहले काम करना चाहिए.
अप्लाई करने से पहले डाउन पेमेंट की राशि को इकट्ठा कर लें
आरबीआई बैंकों को होम लोन के जरिए प्रॉपर्टी की कीमत का 75 से 90 फीसदी को फाइनेंस करने की इजाजत देता है. आवेदकों को बाकी राशि खुद जमा करनी होती है, यह डाउन पेमेंट या मार्जिन कॉन्ट्रिब्यूशन होता है. इसलिए, जो लोग प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं, उन्हें लोन के लिए अप्लाई करने से पहले मूल्य का 10 से 25 फीसदी राशि को इकट्ठा कर लेना चाहिए.
कर्जधारकों को ज्यादा डाउन पेमेंट राशि जमा करने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे उनकी होम लोन की ब्याज की लागत कम हो. इसके साथ ज्यादा डाउन पेमेंट से क्रेडिट रिस्क कम होता है. क्योंकि ज्यादा डाउन पेमेंट वाले लोगों को होम लोन की मंजूरी मिलने में आसानी होती है.
क्रेडिट स्कोर को समय-समय पर रिव्यू करें
बैंक लोन ऐप्लीकेशन का आकलन करते समय व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर को देखते हैं. जिनका क्रेडिट स्कोर ज्यादा होता है, यानी 750 से अधिक. आम तौर पर उन लोगों को लोन की मंजूरी मिलने में आसानी होती है. कुछ बैंकों ने अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को कम ब्याज दर पेश करना भी शुरू कर दिया है.
ईएमआई को चेक करें
बैंक उन आवेदकों को प्राथमिकता देते हैं, जो मासिक तौर पर भुगतान करते हैं. इसके साथ नए घर के लिए ईएमआई उनकी मासिक आय की 50 से 60 फीसदी हो, तो उन्हें लोन मिलने में आसानी होती है. इस सीमा से ज्यादा वाले लोगों को अपने कुछ मौजूदा लोन को चुकाकर 50 फीसदी की रेंज में उसे लाने की कोशिश करनी चाहिए. अगर यह मुमकिन नहीं है, तो आवेदकों को अपने होम लोन की ईएमआई को कम करने के लिए अवधि बढ़ा देनी चाहिए.
इमरजेंसी फंड पर ध्यान दें
कोई वित्तीय इमरजेंसी या आय का नुकसान होने से व्यक्ति की लोन को चुकाने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है. होम लोन की ईएमआई का भुगतान तय तारीख तक नहीं करने से भारी जुर्माना लगता है. इसके साथ व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर भी घट जाता है. इससे बचने के लिए एक इमरजेंसी फंड तैयार किया जा सकता है. इसमें आपकी छह महीने की लोन की संभव ईएमआई शामिल होगी.
Bhumika Sahu
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