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जेट एयरवेज कर्मचारियों का सैलरी विवाद, खिलाफ अब ज्योतिरादित्य सिधिंया से लगाई गुहार

Nidhi Markaam
29 July 2021 3:11 AM GMT
जेट एयरवेज कर्मचारियों का सैलरी विवाद, खिलाफ अब ज्योतिरादित्य सिधिंया से लगाई गुहार
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कर्मचारियों की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया, "हम यह देखकर स्तब्ध और हैरान हैं कि कंपनी के कर्मचारियों के साथ पूरी तरह अन्याय किया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पहले से मुश्किलों से जूझ रही जेट एयरवेज की दिक्कतें और बढ़ सकती है. दरअसल जेट एयरवेज के कर्मचारी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. अब इन कर्मचारियों में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से हस्तक्षेप की मांग की है. इनका कहना है कि एनसीएलटी ने कंपनी के कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है. इसका समाधान निकलना ही चाहिए.

जेट एयरवेज के कर्मचारियों के एक समूह ने जालान कलरॉक गठजोड़ की समाधान योजना के संबंध में कर्मचारियों से जुड़े विषयों के समाधान के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से हस्तक्षेप करने की अपील की है. दरअसल एनसीएलटी ने बीते 22 जून को ही दिवालिया हो चुकी जेट एयरवेज के लिए गठजोड़ की समाधान योजना को मंजूरी दी थी. यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गयी थी.
केंद्रीय मंत्री से की ये मांग
ऑल इंडिया जेट एयरवेज्स ऑफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने सिंधिया को लिखे पत्र में उनसे गठजोड़ के प्रतिनिधियों के साथ कर्मचारियों के मुद्दों को उठाने का अनुरोध किया है. उनकी मांगों में सभी सामाजिक सुरक्षा बकाया जैसे भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का भुगतान, तथा मौजूदा कर्मचारियों को पेरोल पर रोजगार का आश्वासन शामिल है.
52 करोड़ का है मामला
कर्मचारियों की ओर से 27 जुलाई की तारीख वाले इस पत्र में कहा गया, "हम यह देखकर स्तब्ध और हैरान हैं कि कंपनी के कर्मचारियों के साथ पूरी तरह अन्याय किया गया है. उन्हें पेशकश की गई बकाया राशि लगभग 52 करोड़ रुपये है जो कि समाधान पेशेवर द्वारा स्वीकार किए गए मूल दावों की तुलना में एक छोटी राशि है."
15,400 करोड़ का है बकाया
जेट एयरवेज पर उसके लेनदारों का 15,400 करोड़ रुपये का निर्विवाद रूप से बकाया है, जिसमें से 1,254 करोड़ रुपये उसके कर्मचारियों का कर्मचारियों पर बकाया वेतन भी शामिल है. ​न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जेट के एक कर्मचारी का दावा है कि कंपनी पर प्रत्येक कमांडर का लगभग 85 रुपये और सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को लगभग 3 लाख रुपये तक बकाया है. ऐसे में समाधान योजना के तहत कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है.
कलरॉक-जालान हैं अब जेट के नए मालिक
जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन मानी जाती थी. धन की भारी कमी के बाद से साल 2019 में इसे बंद कर दिया गया था. उस समय, SBI के नेतृत्व वाले संघ ने दिवालियापन संहिता के तहत समाधान के लिए NCLT के पास भेजा गया था. इस दौरान एयरवेज के स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे. जेट एयरवेज को कलरॉक-जालान ने साल 2020 में खरीदा था. समाधान योजना के अनुसार, कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने 5 वर्षों के भीतर इसका विस्तार करने का प्लान बनाया है.
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