दिल्ली। आईटी कंपनियों गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो के बाद अब ऑटो सेक्टर से भी कर्मचारियों की छंटनी की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. अमेरिकी कार निर्माता कंपनी फोर्ड ने पूरे यूरोप में 3,200 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का प्लान बनाया है. इसके साथ ही कंपनी ने कुछ प्रोडक्ट डेवलेपमेंट वर्क को अमेरिका में शिफ्ट करने की योजना बनाई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी डेवलेपमेंट वर्क में 2,500 नौकरियों और एडमिन डिपार्टमेंट में 700 तक की छंटनी करना चाहती है. फोर्ड कंपनी की इस छंटनी में जर्मनी के लोग सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
अमेरिकी कार निर्माता कंपनी कोलोन साइट पर करीब 14 हजार लोगों को रोजगार देती है. फोर्ड कंपनी यूरोप में करीब 45,000 लोगों को रोजगार देती है, अब 7 नए इलेक्ट्रिक मॉडल लाने की तैयारी में है. इसके लिए जर्मनी और तुर्की में मैन्युफेक्चरिंग साइट की योजना बना रही है.
इससे पहले बुरे दौर में गुजर रही आईटी कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को निकाल दिया था. पिछले हफ्ते, दो सबसे बड़ी टेक कंपनियों गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने वैश्विक स्तर पर 22,000 कर्मचारियों की छंटनी की. गूगल के सीईओ और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ दोनों ने छंटनी की पूरी जिम्मेदारी ली और संकेत दिया कि कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में ओवरहायर किया है. इसके बाद भारत की बड़ी आईटी कंपनी में से एक विप्रो ने 400 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल दिया है. आईटी से पहले अमेजॉन, नेटफ्लिक्स और सेल्सफॉर्स समेत कई कंपनियों ने आर्थिक स्थितियों का हवाला देते हुए हजारों कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया था.