5G स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन उम्मीद से ज्यादा बोली लगाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1.45 लाख करोड़ रुपये के 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई। दूसरे दिन पांचवे राउंड की बोली के दौरान रिलायंस जियो (Reliance Jio) का दबदबा देखने को मिल रहा है। बता दें कि भारत के दिग्गज कारपोरेट घराने जैसे मुकेश अंबानी, सुनली मित्तल और गौतम अडानी की कंपनियां 5G स्पेक्ट्रम आवंटन में हिस्सा ले रही हैं। साथ ही वोडाफोन-आइडिया पांचवे जनरेशन (5G) एयरवेव की नीलामी में हिस्ला ले रही है।
सरकार को 1.45 लाख करोड़ का फायदा
सरकार को 5G स्पेक्ट्रम नीलामी से करीब 1.45 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। जानकारों की मानें, तो मुकेश अंबनी की जियो 5G स्पेक्ट्रम आवंटन की नीलामी प्रक्रिया में लीडिंग कंपनी बन सकती है। हालांकि अभी तक नीलामी की डिटेल का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन ICICI सिक्योरिटीज के मुताबिक एनालिस्ट ने कहा कि जियो की तरफ से सबसे ज्यादा करीब 80,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई जा सकती है। इससे जियो को 10MHz स्पेक्ट्रम से लेकर प्रीमियम 700MHz बैंड स्पेक्ट्रम का फायदा हो सकता है।
एयरटेल खर्च कर सकती है 45,000 करोड़ रुपये
भारती एयरटेल (Bharti Airtel) की ओर से 45,000 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम आवंटन पर खर्च कर सकती है, जो कि उम्मीद से 20 फीसद ज्यादा है। इससे एयरटेल 800MHz और 2100MHz बैंड हासिल कर सकती है।Vodafone Idea के 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में 18,400 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। जबकि अडानी डेटा नेटवर्क 26GHz स्पेक्ट्रम को हासिल कर सकती है।
जानें 5G स्पेक्ट्रम से जुड़े खास प्वाइंट
अडानी 26GHz स्पेक्ट्रम को 20 सर्किल में पेश कर सकती है। इसमें दिल्ली और कोलकाता जैसे शहर शामिल हैं। इसके कुल स्पेक्ट्रम की कीमत 900 करोड़ रुपये हो सकती है। कंपनी 3350MHz स्पेक्ट्रम खरीद सकती है। साथ ही अडानी 200MHz स्पेक्ट्रम को गुजरात के सभी सर्किल के लिए पेश कर सकती है।
शुरुआती दिन में बोलियां मुख्य रूप से 3.3GHz, 26GHz और 700MHz के 5G स्पेक्ट्रम बैंड के अलावा 1800MHz और 2100 MHz स्पेक्ट्रम बैंड के लिए थीं। 900 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में कुछ चुनिंदा बोली भी लगाई गई है।