व्यापार

ज्वैलर्स अपने सोने से भी चुका सकेंगे लोन की रकम, सरकार ने दी बड़ी राहत

Shiddhant Shriwas
24 Jun 2021 3:07 AM GMT
ज्वैलर्स अपने सोने से भी चुका सकेंगे लोन की रकम, सरकार ने दी बड़ी राहत
x
जीएमएल (GML) का भुगतान भारतीय रुपए में उधार लिए गए सोने के मूल्य के बराबर राशि पर किया जाता है. रिजर्व बैंक ने अब इन नियमों की समीक्षा की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) बैंकों से कहा कि वह ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और घरेलू गोल्ड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स को गोल्ड (मेटल) लोन (GML) का कुछ हिस्सा सोने के रूप में लौटाने का विकल्प उपलब्ध कराएं. जीएमएल का भुगतान भारतीय रुपए में उधार लिये गये सोने के मूल्य के बराबर राशि पर किया जाता है. रिजर्व बैंक ने अब इन नियमों की समीक्षा की है.

रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक, बैंकों को गोल्ड लोन (Gold Loan) का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक सोने के रूप में लौटाने का विकल्प लेनदारों को देना चाहिए. हालांकि, इसमें कुछ शर्तें होंगी.
ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स को मिल सकता है GMS
मौजूदा निर्देशों के मुताबिक सोने का आयात करने के लिये प्राधिकृत बैंक और गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम, 2015 (Gold Monetisation Scheme) (GMS) में भागीदारी करने वाले प्राधिकृत बैंक ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स और गोल्ड ज्वैलरी के घरेलू विनिर्माताओं को जीएमएल उपलब्ध करा सकते हैं.
शर्तों में से एक यह है कि जीएमएल को स्थानीय रूप से प्राप्त या जीएमएस से जुड़े सोने से बढ़ाया गया है. साथ ही, स्थानीय रूप से प्राप्त IGDS (India Good Delivery Standard)/ LGDS (LBMA's Good Delivery Standards) गोल्ड का उपयोग करके रिपेमेंट किया जाना था और पीली धातु को उधारकर्ता की ओर से सीधे बैंक को रिफाइनर या केंद्रीय एजेंसी द्वारा बॉरोअर की भागीदारी के बिना डिलीवर किया जाना है.
एक और शर्त यह है कि लोन एग्रीमेंट में उधारकर्ता द्वारा प्रयोग किए जाने वाले विकल्प, स्वीकार्य मानकों और रिपेमेंट के लिए सोने की डिलीवरी के तरीके का विवरण होना चाहिए. RBI ने बैंकों को रिस्क मैनेजेमेंट उपायों के साथ-साथ जीएमएल को नियंत्रित करने वाली बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति में सभी पहलुओं को उपयुक्त रूप से शामिल करने के लिए कहा.
2015 में शुरू हुई थी गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम
आरबीआई ने कहा, इसके अलावा, बैंक जीएमएल के तहत उधार दिए गए पैसे के अंतिम उपयोग की निगरानी करना जारी रखेंगे. बता दें कि 2015 में, सरकार ने देश में घरों और संस्थानों द्वारा रखे गए सोने को मोबेलाइज करने के लिए गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme) शुरू की थी.
क्या है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम?
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत आप अपना सोना बैंक में जमा कर सकते हैं. इस पर आपको बैंक ब्याज देंगे. इस स्कीम की खास बात यह भी है कि पहले आप अपने सोने को लॉकर में रखते थे. लेकिन अब आपको लॉकर लेने की जरूरत नहीं हैं और निश्चित ब्याज भी मिलता है.


Next Story