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ग्राहकों का सावधान रहना भी बेहद जरूरी. धोखाधड़ी का एक जरिया Key-logger क्या है? जाने
Shiddhant Shriwas
19 Oct 2021 12:54 PM GMT
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आजकल बैंकिंग फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह है कि अब ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए ऑनलाइन या स्मार्टफोन की मदद लेते हैं.
आजकल बैंकिंग फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह है कि अब ज्यादातर लोग बैंक से जुड़े कामकाज के लिए ऑनलाइन या स्मार्टफोन की मदद लेते हैं. ऐसे में, साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. ऐसे में, ग्राहकों का सावधान रहना भी बेहद जरूरी है. धोखाधड़ी का एक जरिया key-logger भी है. आइए इसके बारे में जानते हैं.
Key-logger क्या है?
यह ऐसा डिवाइस (फिजिकल डिवाइस, हार्डवेयर) या कंप्यूटर प्रोग्राम (सॉफ्टवेयर) है, जो कंप्यूटर पर बिना आपकी जानकारी के चुपके से कनेक्ट या डाउनलोड किया जाता है. इस डिवाइस या प्रोग्राम का लक्ष्य सभी कीस्ट्रोक्स को रिकॉर्ड करना होता है, जो कीबोर्ड से जनरेट होते हैं. कीस्ट्रोक्स को चुपके से यूजर की बिना जानकारी के रिकॉर्ड किया जाता है. और इन्हें अपराधी देखते हैं. आम तौर पर, जिस व्यक्ति ने की-लोगर को इंस्टॉल किया है, वह सीक्रेट पासवर्ड को डालकर कीज की मदद से रिकॉर्ड का एक्सेस ले सकता है.
इससे कैसे बचें?
की लोगिंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों से बचने के लिए, एक वर्चुअल कीबोर्ड का इस्तेमाल करें. यह एक प्रोग्राम है, जिससे स्क्रीन पर कीबोर्ड दिखता है. और कीज को माउस के जरिए प्रेस करना होता है. अगर आपके इंटरनेट बैंकिंग लॉगइन स्क्रीन में वर्चुअल कीबोर्ड दिया गया है, तो उसका हमेशा इस्तेमाल करें.
अपने कंप्यूटर पर पर्सनल फायरवॉल इंस्टॉल कर लें और आपके पीसी द्वारा बाहरी दुनिया को भेजे जा रहे डेटा को ट्रैक करें. किसी भी अलर्ट पर ध्यान दें और कोई संदेह होने पर फाइल को ब्लॉक या पोर्ट कर दें.
एक एंटीवायरस प्रोडक्ट को इंस्टॉल करें और उसके डेटाबेस को अप टू डेट रखें. हालांकि, ज्यादातर एंटीवायरस प्रोडक्ट्स लॉगर्स को संभावित धोखाधड़ी के तौर पर पहचानते हैं. यूजर्स को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका एंटीवायरस प्रोडक्ट इस तरह के मालवेयर को डिटेक्ट कर सकते हैं.
अपने पासवर्ड को रैंडम तरीके से टाइप करें.
संदेहास्पद वेबसाइट्स पर न जाएं. अगर आपको लगता है कि वेबसाइट फर्जी है, तो तुरंत उससे बाहर निकल जाएं.
Shiddhant Shriwas
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