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आयकर विभाग (Income Tax Return) ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड जारी किया है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आयकर विभाग (Income Tax Return) ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.50 लाख करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड जारी किया है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, इसमें से 21,323.55 करोड़ रुपये के 1.1 करोड़ रिफंड असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए जारी किए गए थे. अगर आपने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing) किया था और अब तक आप अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं तो यहां पर जान सकते हैं कि अभी तक रिफंड नहीं मिलने का क्या कारण है?Also Read - ITR Filing: अंतिम तारीख के बाद ITR दाखिल करने पर किसे नहीं करना पड़ेगा विलंब शुल्क का भुगतान,
रिफंड की स्टेटस चेक करें
अगर आपका रिफंड अभी तक नहीं मिला है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट के जरिए स्टेटस चेक कर सकते हैं. यह काम आप अपने पैन और लॉग इन आईडी और पासवर्ड के जरिए आसानी से कर सकते हैं. ITR Filing: क्या ITR फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को आगे बढ़ाएगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट?
क्या है रिफंड?
आयकर दाता का उसके अनुमानित निवेश दस्तावेज के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में पहले आयकर काटा जाता है. वहीं, जब वह वित्तीय वर्ष के अंत तक अंतिम कागजात जमा करता है, तो अगर गणना पर उसे पता चलता है कि उसका कर अधिक काटा गया है और उसे आयकर विभाग से पैसा निकालना है, तो वह वापसी के लिए आईटीआर दाखिल कर सकता है.
रिफंड में देरी होने के कारण
आयकर विभाग अब टैक्स रिफंड सिर्फ बैंक खाते में भेजता है. ऐसे में अगर आपने फॉर्म भरते समय अपने खाते की गलत जानकारी भर दी है तो आपका रिफंड अटक सकता है. इसे आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जरिए ठीक कर सकते हैं. आप अपने फॉर्म में ऑनलाइन खाता विवरण सही कर सकते हैं. इसके साथ ही यह जरूरी है कि आप अपने इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में जो बैंक अकाउंट डिटेल्स दे रहे हैं, वह पैन से लिंक हो.
खाता पूर्व-सत्यापित नहीं होने पर होती है देरी
समय पर रिफंड नहीं मिलने का दूसरा सबसे बड़ा कारण है नॉन-प्री-वेरिफाइड बैंक अकाउंट. यदि करदाता उस बैंक खाते का सत्यापन नहीं करता है जिसमें आयकर विभाग से टैक्स रिफंड प्राप्त करना है, तो आईटी रिफंड अटक जाता है. इसलिए करदाता को समय पर आयकर विभाग से जुड़े बैंक खाते का सत्यापन कर लेना चाहिए. अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद जो भी रिटर्न जेनरेट होगा, उसे आयकर विभाग के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इस खाते में भेजा जाएगा.
वापसी के समय पर सत्यापन नहीं करना
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरीफाई करना होता है. कई बार ऐसा होता है कि करदाता समय पर आयकर रिटर्न दाखिल कर देता है, लेकिन वह अपने रिटर्न का सत्यापन नहीं करता है. आपकी वापसी तब तक संसाधित नहीं होती जब तक आप इसे सत्यापित नहीं करते. इसलिए अगर आप अपना रिटर्न जल्दी पाना चाहते हैं तो इसे वेरिफाई करना न भूलें.
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