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देश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए और कृषि तकनीक (Farming Technique) के आधुनिकीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं
जनता रिश्ता वेबडेस्क | देश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए और कृषि तकनीक (Farming Technique) के आधुनिकीकरण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इजरायल विश्व का एक ऐसा देश हैं जहां कि कृषि तकनीक का दुनिया लोहा मानती है. भारत सरकार भी देश के किसानों को इजरायल के तकनीक की जानकारी देना चाहती है. इसी के तहत त्रिपुरा के कृषि क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक को पेश करने में मदद करने के लिए भारत में इजरायली दूत रॉन मल्का (Ron Malka) ने आश्वासन दिया था. इसके बाद इस आश्वासन को पूरा करने के लिए इज़राइल ने त्रिपुरा में एक कृषि विशेषज्ञ को भेजा है. एक साल पहले त्रिपुरा का दौरा करने वाले रॉन मल्का ने कहा था कि इस राज्य के कृषि क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं, यहां कृषि विकास की बहुत क्षमता है.
इजरायल के राजदूत डॉ रॉन मलका की प्रतिबद्धता को लागू करने के लिए त्रिपुरा में "उत्कृष्ट कृषि केंद्र" स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. इसके तहत इजरायल के कृषि विशेषज्ञ मुख्य रूप से उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए राज्य का दौरा कर रहे थे. नई दिल्ली में इज़राइल के दूतावास में वरिष्ठ कृषि के जानकार अताशे यायर एशेल ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा पूरी कर ली है. उन्हें गार्लिक ब्रीडर और कोको विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है.
खेती-बारी के बारे में ली जानकारी
अपनी त्रिपूरा यात्रा के दौरान अताशे यायर एशेल ने त्रिपुरा सरकार के कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा प्रबंधित कुछ कृषि और बागवानी स्थलों का दौरा किया. उन्होंने अध्ययन के लिए प्रत्येक केंद्र में काफी समय बिताया और खेती के मुद्दों पर अधिकारियों को सलाह दी. उन्होंने अधिकारियों से सिंचाई एवं बाग प्रबंधन, उर्वरक प्रयोग एवं रख-रखाव के बारे में जानकारी ली.
फसलों की गुणवत्ता सुधार के लिए प्रदान करेगा सहायता
कृषि भूमि के निरीक्षण के बाद उनसे पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वो राज्य में अपनाएं जा रहे खेती के तरीके से संतुष्ट हैं, लेकिन उन्होंने कृषि में तकनीक के उपयोग में कमियां देखीं. उन्होंने कहा कि इज़राइल उत्पादों की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार के लिए पूर्वोत्तर राज्य को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. "संयुक्त उद्यमों के माध्यम से इज़राइल और त्रिपुरा के बीच सहयोग निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र में सुधार करेगा. बता दें कि इजराइल ने पहले ही 29 ऐसे केंद्र स्थापित किए हैं ताकि किसानों को अधिक उपज हासिल करने और मूल्य वर्धित प्रौद्योगिकी के माध्यम से अधिक आय उत्पन्न करने में मदद मिल सके.
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