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IRDAI ने साइबर इंश्योरेंस को लेकर जारी किए नया नियम, अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से लेकर फंड ट्रांसफर तक सबकुछ होगा इंश्योर्ड

Renuka Sahu
13 Sep 2021 2:34 AM GMT
IRDAI ने साइबर इंश्योरेंस को लेकर जारी किए नया नियम, अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन से लेकर फंड ट्रांसफर तक सबकुछ होगा इंश्योर्ड
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फाइल फोटो 

जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन हो रहा है, उससे तेज रफ्तार से साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर फ्रॉड का तरीका और पैमाना काफी बढ़ गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन हो रहा है, उससे तेज रफ्तार से साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर फ्रॉड का तरीका और पैमाना काफी बढ़ गया है. ऐसे में रिस्क को घटाने के मकसद से इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों से कहा कि वे इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस के दायरे का विस्तार करे. इरडा ने कंपनियों से साफ-साफ कहा है कि उन्हें अपने प्रोडक्ट में क्या-क्या शामिल करना होगा.

8 सितंबर को IRDAI की तरफ से जारी ताजा सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस में फंड चोरी, आइडेंटिटी चोरी, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग जैसी घटनाओं को शामिल करना जरूरी कर दिया गया है. नेशनल साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ऑफ इंडिया) के मुताबिक, कोरोना काल में इंडिविजुअल नेटवर्क पर ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं. लोग घरों पर काम कर रहे हैं ऐसे में साइबर फ्रॉड पर्सनल कंप्यूटर और नेटवर्क को निशाना बना रहे हैं.
इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस अब जरूरी
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में बजाज अलायंस जनरल इंश्योरेंस के चीफ टेक्निकल ऑफिसर TA रामलिंगम ने कहा कि इंडिविजुअल के लिए अब साइबर इंश्योरेंस जरूरी हो गया है. IRDAI के सर्कुलर के मुताबिक, इंडिविजुअल साइबर इंश्योरेंस के लिए कुछ नियम होंगे, जैसे फंड का चोरी होना, आइडेंटिटी का चोरी होना, सोशल मीडिया डेटा का चोरी होना, साइबर स्टॉकिंग/बुलिंग, मैलवेयर कवर, फिशिंग कवर, अन-ऑथराइज्ड ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, ईमेल स्पूफिंग, मीडिया लाएबिलिटी क्लेम, साइबर एक्सटॉर्शन, डेटा ब्रीचिंग और प्राइवेसी ब्रीचिंग को इसमें कवर करना जरूरी होगा.
नुकसान के आधार पर चार प्रमुख कैटिगरी
ITRDAI के सर्कुलर में साइबर इंश्योरेंस के प्रति इंडिविजुअल की लाएबिलिटी को भी निश्चित किया गया है. इसमें यह बताया गया है कि कंपनी कब क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है. फाइनेंशियल लॉस की स्थिति में नियम क्या होगा. इसके अलावा साइबर फ्रॉड के जरिए होने वाले नुकसान को चार अलग-अलग कैटिगरी में बांटा गया है. हर कैटिगरी के लिए जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं.


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