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नाराज हुआ ईरान, वजह है अडानी पोर्ट्स का ये फैसला

jantaserishta.com
15 Oct 2021 7:08 AM GMT
नाराज हुआ ईरान, वजह है अडानी पोर्ट्स का ये फैसला
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नई दिल्ली: गुजरात के कच्छ में मुंद्रा पोर्ट से कुछ दिनों पहले भारी मात्रा में हेरोईन ड्रग्स जब्त की गई थी जो अफगानिस्तान के रास्ते ईरान से आई थी और इस ड्रग्स की कीमत हजारों करोड़ में बताई गई है. इस पोर्ट को चलाने की जिम्मेदारी बिजनेसमैन गौतम अडानी की कंपनी की है. इसके बाद से ही गौतम अडानी सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का सामना कर रहे थे. इस घटना के कुछ दिनों बाद 11 अक्टूबर को अडानी पोर्ट्स ने घोषणा की थी कि 15 नवंबर से उनके टर्मिनल ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कार्गो को नहीं संभालेंगे और ये अडानी पोर्ट्स द्वारा संचालित सभी पोर्ट्स के लिए होगा. अब इस मामले में ईरान का बयान सामने आया है.

ईरान ने अडानी पोर्ट्स द्वारा ईरानी कंटेनर्स के आयात-निर्यात पर बैन लगाने के फैसले की आलोचना की है. ईरान ने इसे गैर-पेशेवर और असंतुलित कदम बताया है. ईरानी दूतावास की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि भारत-ईरान की पुलिस और नार्कोटिक ड्रग कंट्रोल प्रशासन ने इस मामले में चर्चा की है. ड्रग्स की तस्करी में वृद्धि के चलते जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उस पर भी दोनों देशों ने चिंता जताई है.
इस बयान में कहा गया है कि पिछले कई दशकों से नार्कोटिक ड्रग्स के उत्पादन और अफगानिस्तान से इसकी संगठित तस्करी ने ईरान, इसके आसपास के क्षेत्रों और बाकी दुनिया के लिए खतरा पैदा किया है. इस गंभीर ग्लोबल समस्या के लिए एक निरंतर और एकजुट संघर्ष की जरूरत है. इसके साथ-साथ सभी देशों में तालमेल और आपसी सहयोग भी बेहद जरूरी है. ईरान ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही पड़ोसी होने के चलते ईरान भी कुछ हद तक प्रभावित हुआ है. ईरान ने अफगानिस्तान में ड्रग्स के उत्पादन और तस्करी को लेकर तीन मुख्य कारण भी गिनाए हैं. इनमें अफगानिस्तान पर विदेशी ताकतों का कब्जा, गुटबाजी और गरीबी जैसे कारण शामिल हैं.
बता दें कि 13 सितंबर को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर अदानी समूह द्वारा संचालित दो कंटेनरों से करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी. इस हेरोईन की मार्केट वैल्यू 20 हजार करोड़ से ज्यादा बताई गई थी. ये दोनों कंटेनर अफगानिस्‍तान के कंधार से ईरान के बंदार अब्‍बास पोर्ट के जरिये मुंद्रा पोर्ट पहुंचे थे. ये देश अफीम के सबसे बड़े अवैध उत्पादकों में से एक माना जाता है. कंटेनर में सेमी-प्रोसेस्‍ड टैलकम स्‍टोन होने का दावा किया गया था. इसे बैग की निचली परतों में रखा गया था और उसके ऊपर पत्थर रखे गए थे. इस जांच के लिए सीमा शुल्क विभाग और राजस्व खुफिया निदेशालय ने संयुक्त अभियान चलाया था. इस केस को अब एनआईए संभाल रही है.
गौरतलब है कि भारी मात्रा में बरामद हुई हेरोईन ड्रग्स के बाद एनआईए एक्शन में आ गई थी और देश भर से अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान के नागरिकों सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में अडानी समूह ने सफाई देते हुए कहा था कि हम अवैध ड्रग्स को जब्त करने और आरोपियों को पकड़ने के लिए DRI और सीमा शुल्क विभाग की टीमों को धन्यवाद देते हैं और बधाई देते हैं. कानून भारत सरकार के सीमा शुल्क और DRI के सक्षम अधिकारियों को गैरकानूनी कार्गो को खोलने, जांच करने और जब्त करने का अधिकार देता है. देशभर में कोई भी पोर्ट ऑपरेटर कंटेनर की जांच नहीं कर सकता है. उनकी भूमिका बंदरगाह चलाने तक सीमित है. मुंद्रा या हमारे किसी भी बंदरगाह के टर्मिनलों से गुजरने वाले कंटेनरों या लाखों टन कार्गो पर हमारा कोई पुलिस जैसा अधिकार नहीं है.
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