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आइडिया को ब्रैंड बनाने के लिए IP प्रोटेक्शन बहुत जरूरी, निवेशकों का नो टेंशन

Shiddhant Shriwas
16 Sep 2021 10:08 AM GMT
आइडिया को ब्रैंड बनाने के लिए IP प्रोटेक्शन बहुत जरूरी, निवेशकों का नो टेंशन
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यह प्लैटफॉर्म इन्वेस्टर्स को इंवेंटर्स से मिलाता है. पेटेंट शेल्टर पर एक इन्वेस्टर सीधा आइडिया पसंद आने पर इंवेंटर को अप्रोच कर सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन दिनों स्टार्टअप और इनोवेशन की दुनिया में सबसे बड़ा चैलेंज है कि कैसे सबसे हटकर आप कुछ नया और अलग करें. आज के डिजिटल युग में उससे भी बड़ा चैलेंज यह कि कैसे आप अपने आइडिया को कॉपी या चोरी होने से बचाए. यहीं पर काम आता है आईपीआर यानी कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट. इसकी मदद से आइडिया को सरल और कॉस्ट इफेक्टिव तरीके से सुरक्षित किया जाता है.

आसान और कम खर्चे में आईपीआर सेफगार्ड करने वाली सर्विस देने के लिए दिल्ली की एक कंपनी Anuation Research & Consulting LLP लेकर आया है पेटेंट शेल्टर नामक एक AI प्लैटफॉर्म जो कम खर्च में आईपीआर प्रोटेक्शन के अलावा इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी से ज्यादा कमाई करने का तरीका भी बताती है. कंपनी की माने तो उनकी यह सर्विस अब तक 300 से ज्यादा इंवेंटर्स और बिजनेस ने अपने लोगो, पेटेंट, इंटेलेक्चुअल आइडिया या कॉपीराइट को डिजिटल युग में पायरेसी या चोरी से बचाने के लिए इस्तेमाल की है. पेटेंट शेल्टर प्लैटफॉर्म पर इंवेंटर्स को भी अपना आइडिया पूरा सेफ्टी के साथ प्रजेंट कर सकते हैं और अपना बिजनेस इन्वेस्टर्स से फंडिंग मिलने पर आगे लेकर जा सकते है.

इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अब बहुत महत्वपूर्ण

Anuation Research & Consulting LLP के पार्टनर सुमित भट्ट की माने तो, "एक आइडिया को ब्रैंड बनाने के लिए IP प्रोटेक्शन बहुत जरूरी है. लेकिन इसके अलावा फाइनेंशियल सपॉर्ट भी उतना ही जरूरी है. इन्वेस्टर्स को तलाश रहती है ऐसे इंवेंटर्स की जिसमें वो इन्वेस्ट कर सके. इंवेंटर्स को यह नहीं मालूम होता कि इन्वेस्टर तक कैसे पहुंचा जाए. पेटेंट शेल्टर इन्वेस्टर्स और इंवेंटर्स को मिलाने में एक ब्रिज की तरह काम करता है.

आइडिया में होगा दम तो मिलेगा निवेशक

पेटेंट शेल्टर पर एक इन्वेस्टर सीधा आइडिया पसंद आने पर इंवेंटर को अप्रोच कर सकता है. सिर्फ बिजनेस या स्टार्टअप ही नहीं, यह AI प्लैटफॉर्म स्टूडेंट्स की भी मदद करता है ताकि यंग ऐज में उन्हें बिजनेस और IP की दुनिया में सही राह मिल पाए.

इन्वेस्टर्स और इंवेंटर्स का होता है मिलन

Anuation Research & Consulting LLP के मैनेजिंग पार्टनर उज्ज्वल झा की माने तो, "पेटेंट शेल्टर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से यह तय कर पाता है कि एक आइडिया, इंवेंशन या पेटेंट में कितना दम है. इसी वजह से इन्वेस्टर को जब आइडिया में दम दिखता है तो वो उसमें इन्वेस्ट करता है. यह प्लैटफॉर्म इन्वेस्टर और इंवेंटर्स, दोनों के लिए ही विन-विन सिचुएशन है.

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