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गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड कोषों (गोल्ड-ईटीएफ) में अप्रैल-जून की तिमाही में 298 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इससे पिछली लगातार तीन तिमाहियों के दौरान गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली थी। विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशक अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश उत्पाद में निवेश करना जारी रखेंगे। हालांकि, यदि एक साल पहले की समान अवधि से तुलना की जाए, तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश 80 प्रतिशत घट गया है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन तिमाही में गोल्ड ईटीएफ का परिसंपत्ति आधार और निवेशक खातों या फोलियो की संख्या में वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2023-24) की अप्रैल-जून तिमाही में गोल्ड-ईटीएफ में 298 करोड़ रुपए का निवेश आया है। इससे पहले मार्च तिमाही में गोल्ड ईटीएफ से 1,243 करोड़ रुपए, दिसंबर तिमाही में 320 करोड़ रुपए और सितंबर तिमाही में 165 करोड़ रुपए की निकासी देखने को मिली थी। वहीं जून, 2022 को समाप्त तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में 1,438 करोड़ रुपए का निवेश आया था।
सैंक्टम वेल्थ के प्रमुख-निवेश उत्पाद आलेख यादव ने कहा, ‘‘पिछली कुछ तिमाहियों में गोल्ड ईटीएफ से निकासी की वजह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को समाप्त करना और स्थानीय शेयर बाजारों की तुलना में सोने का प्रदर्शन कमजोर रहना है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इस श्रेणी में प्रवाह धीमा हो रहा है। इसका मुख्य कारण निवेशकों का शेयर जैसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले परिसंपत्ति वर्ग की ओर झुकाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सोने की कीमतें ऊंचे स्तर पर कारोबार कर रही हैं, जो निवेशकों को किनारे पर रहने और निवेश के प्रति अधिक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
पिछले कुछ साल में अपने शानदार प्रदर्शन से सोने ने निवेशकों की काफी आकर्षित किया है और फोलियो संख्या में लगातार बढ़ोतरी इसका प्रमाण है। गोल्ड ईटीएफ में फोलियो संख्या जून तिमाही में 1.5 लाख बढ़कर 47.52 लाख हो गई, जो एक साल पहले 46.06 लाख थी। इससे पता चलता है कि निवेशकों का झुकाव सोने से जुड़े कोषों की ओर बढ़ा है। इसके अलावा जून, 2023 में गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 10 प्रतिशत बढ़कर 22,340 करोड़ रुपए हो गईं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 20,249 करोड़ रुपए थीं।
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